विधानसभा के गेट पर बाहर देवभूमि क्षत्रिय संगठन और सामान्य वर्ग संगठनों के नेता भी जुटे। इस संगठनों के प्रमुख नेता रुमित ठाकुर ने सरकार की ओर से सामान्य वर्ग आयोग की अधिसूचना को आधा-अधूरा काम करार दिया। बजट सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विधानसभा के गेट पर बाहर देवभूमि क्षत्रिय संगठन और सामान्य वर्ग संगठनों के नेता भी जुटे। इस संगठनों के प्रमुख नेता रुमित ठाकुर ने सरकार की ओर से सामान्य वर्ग आयोग की अधिसूचना को आधा-अधूरा काम करार दिया। उन्होंने कहा कि इस बारे में अधिसूचना नहीं, एक्ट चाहिए। आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के जिस तरह से नियम बनाए गए हैं, उससे साफ है कि केवल राजनीतिक नियुक्तियां ही होने वाली हैं। इससे आयोग की स्वायत्तता पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा होता है। मुख्यमंत्री को सवर्ण संगठनों को विश्वास में लेना चाहिए। उन्हें इस बारे में विस्तार से बात करने के बाद ही कोई निर्णय लेना चाहिए।
अनुसूचित जाति संगठनों की ओर से जातिवाद को भड़काने के आरोप लगाने और उन पर एफआईआर दर्ज करने के मामले में रुमित ने कहा कि सरकार मामले तो पहले भी दर्ज कर चुकी है, मगर वह अपनी बात रखने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि सवर्ण संगठन पंजीयक सहकारी सभाएं में इसी नाम से दर्ज है तो आयोग को बनाने में क्या दिक्कत है। रुमित ने कहा कि वह भी एबीवीपी में रह चुके हैं। पारिवारिक पृष्ठभूमि निकालकर उन्हें सरकार विरोधी दलों से जोड़ना सही नहीं है। वह तो सामान्य वर्ग के लोगों की आवाज उठा रहे हैं।
2022-02-25