ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ और दिग्गज अर्थशास्त्री अभिजीत सेन का निधन

नई दिल्ली. भारत के दिग्गज अर्थशास्त्री और योजना आयोग के पूर्व सदस्य अभिजीत सेन का सोमवार रात निधन हो गया. वह 72 वर्ष के थे. अभिजीत सेन ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ माने जाते थे. सेन के भाई डॉ प्रणव सेन ने कहा, ‘‘अभिजीत सेन को रात करीब 11 बजे दिल का दौरा पड़ा. हम उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उनका निधन हो चुका था.’’चार दशक से अधिक के अपने करियर में अभिजीत सेन ने नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अर्थशास्त्र पढ़ाया और कईं महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर रहे. वे कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. सेन 2004 से 2014 तक योजना आयोग के सदस्य थे. उस वक्त मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे.

अभिजीत सेन का जन्म नई दिल्ली में रहने वाले एक बंगाली परिवार में हुआ था. उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज से भौतिकी में स्नातक किया था. इसके बाद 1981 में उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की. यहां वे ट्रिनिटी हॉल के सदस्य भी रहे. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण काम किए. 1997 मे संयुक्त मोर्चा सरकार में उन्हें कृषि लागत और मूल्य आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. उन्होंने कृषि वस्तुओं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की सिफारिश की थी. बाद में उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने दीर्घकालिक अनाज नीति पर विशेषज्ञों की उच्च-स्तरीय समिति का अध्यक्ष बनाया.

अभिजीत सेन ने पूरे देश में सभी उपभोक्ताओं को चावल और गेहूं के लिए एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) शुरू करने की सिफारिश की थी जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हुआ. इसके अलावा सीएसीपी (कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइज) को सशक्त और वैधानिक निकाय बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी.