एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस (Russia) साल 2024 तक अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (International Space Station) से हट जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने ये फैसला इसलिए किया है क्योंकि वो अपना एक स्पेस स्टेशन बनाना चाहता है। फिलहाल इस पर रूस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
नासा उस डील पर सहमत हुए हैं जिसमें रूस के अंतरिक्ष यात्री स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के जरिए आईएसएस का दौरा करेंगे। माना जा रहा है कि रूस ने यह फैसला यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बाद उस पर थोपे गए प्रतिबंधों की वजह से लगाया है। रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी तास की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है। तास ने रॉसकॉसमॉस के मुखिया यूरी बोरिसोव के हवाले से नए स्पेस स्टेशन की बात कही है।
होगा अपना स्टेशन
बोरिसोव ने रूस के ऑर्बिटल सर्विस स्टेशन यानी (ROSS) का आइडिया दिया है। उन्होंने कहा, ‘हम तय योजना के मुताबिक अंतरिक्ष में अपना प्रोग्राम जारी रखेंगे।’ रॉस साल 2025 तक तैयार हो जाएगा। बोरिसोव को कुछ दिनों पहले ही नियुक्त किया गया है। उससे पहले ये जिम्मेदारी दमित्री रॉगजिन संभाल रहे थे। दमित्री साल 2018 से इस पद पर थे और वो पहले देश के उप-प्रधानमंत्री रह चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में इस समय 7 अंतरिक्ष यात्री हैं जिसमें तीन रूस के और एक यूरोपियन स्पेस एजेंसी का है।
21 सितंबर को क्रू बदला जाएगा और कजाख्स्तान के बायकनौर से नया क्रू यहां पहुंचेगा। सोयूज MS-22 स्पेसक्राफ्ट रूस के अंतरिक्ष यात्री दमित्री पेटेलिन और नासा के फ्रैंक रूबियो को आईएसएस के लिए लेकर रवाना होगा। 29 सितंबर 2022 को नासा और स्पेसएक्स क्रू-5 मिशन को फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन में नासा के निकोल मान और जॉश कैसेडा के अलावा जापान के कोशी वाकाटा और रूस की अंतरिक्ष यात्री एना किकिना शामिल होंगी। ये पहली बार होगा जब स्पेसएक्स के क्राफ्ट से नासा का कोई मिशन लॉन्च किया जाएगा।
क्या था रूस का बयान
रूस ने कुछ दिनों पहले अपने ऐलान में हालांकि कहा था कि वो साल 2024 के बाद आईएसएस से बाहर जाएगा और अपना एक अंतरिक्ष स्टेशन तैयार करेगा। ये बयान भी बोरिसोव की तरफ से आया था। उन्होंने कहा था, ‘मुझे लगता है कि उस समय तक हम रूस का अंतरिक्ष स्टेशन तैयार करने लगे जाएंगे।’ बोरिसोव ने ये बातें राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से मुलाकात के बाद कही थी। मॉस्को टाइम्स ने बोरिसोव के हवाले से लिखा था कि रूस का अंतरिक्ष प्रोग्राम उसकी अहम प्राथमिकता है।
बोरिसोव ने अखबार से कहा था, ‘बिल्कुल, हम अपने साथियों के साथ अपनी सभी बाध्यताओं को पूरा करेंगे लेकिन 2024 के बाद आईएसएस से निकलने का फैसला लिया जा चुका है।’ बोरिसोव बार-बार पुतिन को ये बता चुके हैं कि रूस की स्पेस इंडस्ट्री मुश्किलों में है। उन्होंने राष्ट्रपति से कहा था कि इसका स्तर ऊंचा करने की जरूरत है। बोरिसोव की मानें तो अगर देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना है तो फिर अंतरिक्ष की सभी जरूरतों को पूरा करना होगा। एक रिपोर्ट की मानें तो रूस के नए अंतरिक्ष स्टेशन पर करीब 6 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा।