तुर्की ने अपने सदाबहार दोस्त रूस को बड़ा झटका दिया है। तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने रूस से सुखोई एसयू-35 लड़ाकू विमान खरीदने की संभावनाओं को खारिज कर दिया है। पहले बताया गया था कि अमेरिका से एफ-16 न मिलने पर तुर्की रूस से एसयू-35 को खरीद सकता है। अब तुर्की की नजर यूरोफाइटर टाइफून पर है।
अंकारा: तुर्की ने अमेरिका से एफ-16 लड़ाकू विमानों की डील रद्द होने पर दूसरे विकल्प की तलाश तेज कर दी है। तुर्की की मीडिया ने बताया है कि अगर एफ-16 का प्लान फेल हुआ तो यूरोप से यूरोफाइटर टाइफून को खरीदने पर विचार किया जा सकता है। यूरोफाइटर टाइफून को यूके, जर्मनी, इटली और स्पेन ने एक साथ मिलकर विकसित किया है। इस लड़ाकू विमान को एयरबस, बीएई सिस्टम्स और लियोनार्डो एकसाथ मिलकर बनाती हैं। इससे पहले तुर्की के डिफेंस इंडस्ट्री एजेंसी के प्रमुख इस्माइल डेमिर ने कहा था कि उनका देश F-16 सौदे की विफलता की स्थिति में रूस के एसयू-35 को विकल्प के तौर पर देख रहा है। रूसी लड़ाकू विमान को ना कहना व्लादिमीर पुतिन के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन पुतिन को अपना सबसे करीबी दोस्त बताते हैं। हाल में ही उन्होंने एससीओ शिखर सम्मेलन में पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की थी।
ब्रिटिश एयरबेस दौरे पर टाइफून का किया निरीक्षण
तुर्की के समाचार पत्र येनी अकिट के अनुसार, तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार ने अपने समकक्ष बेन वालेस से मिलने के लिए ब्रिटेन की अपनी आधिकारिक यात्रा के रूप में गुरुवार को रॉयल एयर फोर्स कॉनिंग्सबी स्टेशन का दौरा किया। एयरबेस पर, तुर्की के मंत्री को यूरोफाइटर टाइफून लड़ाकू विमान को देखने का मौका मिला। रिपोर्ट में बताया गया है कि तुर्की के राष्ट्रपति के प्रवक्ता इब्राहिम कालिन ने हाल में ही कहा था कि यूरोफाइटर टाइफून एफ -16 का विकल्प बन सकता है। ऐसे में तुर्की के रक्षा मंत्री के हाल के दौरे ने इस बयान की पुष्टि की है।