तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि तुर्की ने 2014 में एक नाजायज जनमत संग्रह में क्रीमिया के रूस के कब्जे को मान्यता नहीं दी है। हमने हर अवसर पर यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता, स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए अपने मजबूत समर्थन पर जोर दिया है। 2014 में अपनाए गए इस रुख के अनुसार, हम डोनेट्स्क, लुगांस्क, खेरसॉन और जापोरोजे को शामिल करने के रूस के फैसले को अस्वीकार करते हैं।
अंकारा: यूक्रेन के कब्जे वाले इलाकों को रूस में शामिल करने को लेकर तुर्की ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे डोनेट्स्क और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक के साथ-साथ जापोरोजे और खेरसॉन क्षेत्र के रूस में शामिल होने के फैसले को मान्यता नहीं दे सकते हैं। तुर्की के इस फैसले को रूस के लिए करारा झटका माना जा रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ गहरी दोस्ती है। हाल में ही शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भी एर्दोगन और पुतिन की केमेस्ट्री को देखा गया था। एर्दोगन ने रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए दोनों देशों के बीच सुलह बैठकें भी करवाई थी, जिसका कोई परिणाम नहीं निकल सका।
तुर्की विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि तुर्की ने 2014 में एक नाजायज जनमत संग्रह में क्रीमिया के रूस के कब्जे को मान्यता नहीं दी है। हमने हर अवसर पर यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता, स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए अपने मजबूत समर्थन पर जोर दिया है। 2014 में अपनाए गए इस रुख के अनुसार, हम डोनेट्स्क, लुगांस्क, खेरसॉन और जापोरोजे को शामिल करने के रूस के फैसले को अस्वीकार करते हैं। यह निर्णय, जो अंतरराष्ट्रीय कानून के स्थापित सिद्धांतों का गंभीर उल्लंघन है, को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। हम इस युद्ध के समाधान के लिए अपना समर्थन दोहराते हैं, जिसकी गंभीरता बढ़ती जा रही है। तुर्की ने कहा कि दोनों देशों के बीच शांति बातचीत के आधार पर ही हासिल की जा सकती है।
पुतिन ने कल यूक्रेन के चार इलाकों को रूस में किया था शामिल
शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के कब्जाए चार इलाकों को रूस में शामिल करने के आधिकारिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर इन चारों क्षेत्रों के रूस समर्थक प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। पुतिन ने इस मौके पर अपने सबोधन में यूक्रेन और पश्चिमी देशों पर जमकर निशाना साधा। पुतिन ने कहा कि इन इलाकों के लोगों ने जनमत संग्रह में अपना निर्णय सुना दिया है। अब इन चारों क्षेत्रों के लोग रूसी नागरिक हैं और इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है। पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे इलाके में अगर हमला होता है तो रूस पूरी ताकत के साथ जवाबी प्रतिक्रिया देगा।
दुश्मन होते हुए भी दोस्त हैं रूस और तुर्की
रूस और तुर्की के नेताओं के बीच दोस्ती जगजाहिर है। तुर्की नाटो का सक्रिय सदस्य है। नाटो का गठन ही शीत युद्ध की शुरुआत में रूस के खिलाफ हुआ था। इसके बावजूद तुर्की ने रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद की है। इतना ही नहीं, सीरिया में तुर्की और रूस साथ मिलकर सैन्य ऑपरेशन को चलाते हैं। तुर्की ने रूस के साथ सैन्य संबंधों के अलावा आपसी व्यापार को भी काफी बढ़ाया है। ऐसे में तुर्की का रूस के फैसले का विरोध करना काफी बड़ा फैसला माना जा रहा है।