सर्गेई लावरोव ने कहा कि यूक्रेन में अब भूगोल अलग है। यह सिर्फ डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक से बहुत दूर है, यह खेरसॉन और जापोरिज्जिया और कई अन्य क्षेत्रों तक पहुंच चुका है। उन्होंने डोनबास से इतर उम क्षेत्रों का जिक्र किया, जिस पर रूस ने पूरी तरह या आंशिक रूप से कब्जा कर लिया है।
हाइलाइट्स
लावरोव बोले- बदल रहा है युद्ध का भूगोल
सर्गेई लावरोव ने रूस की सरकारी मीडिया स्पुतनिक और आरटी से बात करते हुए कहा कि यूक्रेन में अब भूगोल अलग है। यह सिर्फ डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक से बहुत दूर है, यह खेरसॉन और जापोरिज्जिया और कई अन्य क्षेत्रों तक पहुंच चुका है। उन्होंने डोनबास से इतर उम क्षेत्रों का जिक्र किया, जिस पर रूस ने पूरी तरह या आंशिक रूप से कब्जा कर लिया है। लावरोव ने कहा कि यह प्रक्रिया तार्किक है और निरंतर जारी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर पश्चिमी देश यूक्रेन को लगातार हथियार देते रहे तो रूस को अपनी सैन्य कार्रवाई को तेज करना पड़ेगा। उन्होंने सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि रूस उन हथियारों की उपस्थिति को बर्दाश्त नहीं कर सकता जो उसके क्षेत्र के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
पुतिन ने हमले के समय क्या बताया था उद्देश्य
जब 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया, तो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्पष्ट रूप से अपने पड़ोसी देश पर कब्जा करने के किसी भी इरादे से इनकार किया। उन्होंने तब कहा था कि उनका उद्देश्य यूक्रेन को विसैन्यीकरण करना और नाजीवाद से मुक्त करना है। लेकिन, लावरोव ने कहा कि मार्च के अंत में रूसी और यूक्रेनी वार्ताकारों के बीच तुर्की में शांति वार्ता के बाद से भौगोलिक वास्तविकताएं बदल गई हैं। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि हमारा सैन्य अभियान वर्तमान की लाइन से और भी आगे बढ़ेगा।
यूक्रेन बोला- रूस खून चाहता है, बातचीत नहीं
इस बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने पलटवार करते हुए कहा कि रूस खून चाहता है, बातचीत नहीं। उन्होंने कहा कि अधिक यूक्रेनी भूमि हथियाने के सपने को स्वीकार करके, रूसी विदेश मंत्री ने साबित किया कि रूस कूटनीति को खारिज करता है और युद्ध और आतंक पर ध्यान केंद्रित करता है। रूस खून चाहता है, बातचीत नहीं।