रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सीरिया में तबाही मचाने वाले कुख्यात जनरल को यूक्रेन युद्ध की कमान सौंपी है। इसी के बाद से यूक्रेन में रूसी हमलों में काफी तेजी देखी गई है। रूसी सेना ने यूक्रेन को मिल रही बढ़त को लगभग रोक दिया है। इतना ही नहीं, कई मोर्चों पर यूक्रेनी सेना को पीछे भी हटना पड़ा है।
वॉशिंगटन: सीरिया में रूसी अभियान के दौरान असैन्य नागरिकों पर बमबारी करने के लिए कुख्यात जनरल को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में हमले की कमान सौंपी है। इस जनरल ने युद्ध की कमान संभालते ही पिछले पांच दिनों में ही लगातार लड़ाई जीत रहे यूक्रेन को घुटनों पर ला दिया है। रूस के क्रीमिया पुल पर हमले के बाद हुई बेइज्जती का बदला लेने के लिए व्लादिमीर पुतिन ने बेहद आक्रामक मुख-मुद्रा वाले जनरल सेरगी सुरोविकिन को आठ अक्टूबर को यूक्रेन में रूसी बलों की जिम्मेदारी दी थी। इसके बाद से इस जनरल ने हमलों की ऐसी सीरीज शुरू की, जिससे पूरा यूक्रेन तबाही के कगार पर खड़ा हो गया है। 1991 में मिखाईल गोर्बाचेव का तख्ता पलट करने की असफल कोशिश के दौरान मॉस्को में तीन प्रदर्शनकारियों की मौत में भी इन्हीं जनरल की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। इस घटना के बाद ही पूर्ववर्ती सोवियत संघ का विघटन हो गया।
क्रीमिया पुल पर हमले के बाद पुतिन ने सौंपी कमान
पुतिन ने क्रीमिया में सामरिक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पुल पर ट्रक बम से किये गये हमले के बाद 56 वर्षीय जनरल को कमान सौंपी। क्रीमिया पुल पर हुए हमले से न सिर्फ क्रेमलिन को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी, बल्कि रूसी सैनिकों को उपकरणों और साजो-सामान की दिक्कत भी होने लगी है। इस घटना के बाद रूस ने यूक्रेन में बेहद आक्रामक हवाई हमले किए हैं। पुतिन का कहना है कि इन हमलों का लक्ष्य ऊर्जा क्षेत्र के बुनियादी ढांचों और यूक्रेन के सैन्य कमान के विभिन्न पोस्ट को निशाना बनाना है। ऐसे हमले रोजाना हो रहे हैं और क्रूज मिसाइल तथा ईरान में निर्मित ड्रोन की मदद से ऊर्जा संयंत्रों और अन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है।