Russian Gas Pipeline: रूस ने पिछले 10 दिनों से बंद पड़ी गैस पाइपलाइन को शुरु कर दिया है। इसकी शुरुआत के साथ ही एक बार फिर रूस से गैस यूरोप पहुंचने लगी है। गैस पाइपलाइन को मेंटीनेंस के लिए बंद किया गया था। जर्मनी के नेता लंबे समय के लिए पाइपलाइन बंद होने को लेकर डरे हुए थे।
जर्मनी में नॉर्ड स्ट्रीम-1 पाइपलाइन के जरिए गैस भेजी जाती है। 10 दिनों से बंद पड़ी पाइपलाइन को लेकर जर्मनी के नेताओं को चिंता थी कि क्या रूस ऐसे समय में पाइपलाइन को शुरू करेगा, जब पूरी दुनिया में वैकल्पिक ऊर्जा की कमी है और कीमतें आसमान छू रही हैं। यूरोप में रूस के गैस निर्यात का एक तिहाई से ज्यादा इस पाइपलाइन से जाता है। मेंटीनेंस से पहले भी ये पाइपलाइन सिर्फ अपनी 40 फीसदी क्षमता से चल रही थी।
ब्लैकमेल करने का लगाया आरोप
यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर ने रूस पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘रूस ऊर्जा को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। इसके जरिए वह यूरोप को ब्लैकमेल करने की कोशिश में लगा है।’ हालांकि रूस इस बात को नकारता रहा है। रूस प्रतिबंधों को लेकर यूरोप और अमेरिका की आलोचना करता रहा है। रूस शुरु से ही कहता रहा है कि नाटो अगर रूस को डराने के लिए कुछ करेगा तो उन्हें भी सख्त कदम उठाने होंगे।
इमरजेंसी प्लान एक्टिव
रूस की इस पाइपलाइन से सबसे बड़ा दबाव जर्मनी पर है। रूसी गैस पर जर्मनी बड़े पैमाने पर निर्भर है। इसके अलावा बाकी यूरोपीय देश भी ठंड के लिए पर्याप्त गैस खोज रहे हैं। जर्मनी समेत कई अन्य देशों ने इमरजेंसी प्लान के पहले चरण को एक्टिव कर दिया है, जिससे कुछ मामलों में राशनिंग हो सकती है। ग्रीस ने गुरुवार को कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह बारी-बारी बिजली कटौती शुरू करेगा।