हिमाचल प्रदेश में सीमेंट कंपनियों की तरह स्टील कंपनियां भी लोगों को लूटने में लगी हुई हैं। आए दिन जहां सीमेंट कंपनियां दाम बढ़ा कर हिमाचल में मंहगा और पड़ोसी राज्यों में सस्ता सीमेंट बेचती हैं। वहीं, यही हाल हिमाचल प्रदेश में स्टील कंपनियों का बना हुआ है। हिमाचल प्रदेश में विभिन्न कंपनियों का साधारण स्टील (सरिया) पड़ोसी राज्यों के मुकाबले काफी अधिक दामों पर बेचा जा रहा है और प्रदेश सरकार सीमेंट कंपनियों की तरह ही स्टील कंपनियों पर भी कोई अंकुश लगाने में अक्षम हैं। रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध का बहाना लेते हुए स्टील कंपनियां अब तक हिमाचल प्रदेश में सरिए के दाम 1800 रुपए से लेकर 2000 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ा चुकी हैं।
23 फरवरी के बाद अब तक हर रोज स्टील के दाम बढ़ोतरी हो रही है। स्टील कंपनियों की चालबाजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि युद्ध के नाम पहले दो हजार रुपए प्रति क्विंटल तक स्टील के दाम बढ़ाने वाली कंपनियों ने अब युद्ध की समाप्ति के बिना ही 500 रुपए तक दाम कम कर दिए हैं। भवन निर्माण में प्रयोग होने वाली सबसे मजबूत व जरूरी सामग्री में शामिल सरिया के रेट इन दिनों हिमाचल प्रदेश में 7500से लेकर 7800 रुपए प्रति क्विंटल बने हुए हैं, जबकि फरवरी में युद्ध शुरू होने से ठीक कुछ दिन पहले तक यह भाव 6200 से 6500 रुपए तक था, लेकिन युद्ध का हवाला देते हुए कंपनियां अब तक दामों में 1800 रुपए तक बढ़ोतरी कर चुकी हैं। (एचडीएम)
500 रुपए घटाए दाम
दो दिनों में सरिए के भाव में कंपनियोंं ने 500 रुपए की कमी भी कर दी है, जबकि अभी तक न तो युद्ध समाप्त हुआ है और न ही स्टील कंपनियों को केंद्र या प्रदेश सरकार की तरफ से कोई राहत मिली है, लेकिन इस बढ़ोतरी के कारण एक आम नागरिक को अपना आशियाना बनाने में इस दौरान एक से दो लाख रुपए तक अधिक चुकाने पड़ गए हैं।
जनता को लूट रहे उद्योग
आम लोगों राकेश कुमार, जतिन, अनिल, डीआर शर्मा, मनीष कुमार, हंसराज, मुरारी लाल और जयंत का कहना है कि सरकार न तो सीमेंट कंपनियों पर अंकुश लगा पा रही है और न ही स्टील कंपनियों पर सरकार का नियत्रंण है। पंजाब में इससे काफी सस्ते दामों पर स्टील बिक रहा है, जबकि हिमाचल प्रदेश में पहाड़ी राज्य और यातायात व्यय अधिक होने के नाम व युद्ध का हवाला देते हुए लूट की जा रही है।
भवन निर्माण सामग्री भी महंगी
स्टील के दाम बढऩे के पीछे रूस और यूक्रेन युद्ध को स्टील कंपनियां वजह बता रही है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में बीते दो हफ्तों में भवन निर्माण सामग्री के दामों भी बढ़ोतरी हो चुकी है, जबकि इस अरसे के दौरान डीजल व पेट्रोल के दामों में भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। कई जिलों में क्रशर मालिक निर्माण सामग्री के दाम बढ़ा चुके हैं, तो कई जिलों में निर्माण सामग्री की ढुलाई में लगे टै्रक्टर, टिप्पर व ट्रक इत्यादी के मालिकों ने दाम में बढ़ोतरी कर दी है। जिससे आम आदमी पर दोहरी मार पड़ रही है। कांगड़ा में इसे लेकर कुछ दिन पहले विरोध में दर्ज हो चुका है।