महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के बेटे और क्रिकेटर अर्जुन तेंदुलकर इन दिनों चंडीगढ़ में है. 23 साल के अर्जुन 27वें अखिल भारतीय जेपी अत्री स्मृति क्रिकेट में टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. उन्हें ट्रेनिंग युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह दे रहे हैं. पूर्व क्रिकेटर योगराज भी टीम इंडिया की तरफ से 1980 की दशक में खेल चुके हैं.
अर्जुन तेंदुलकर गोवा की टीम तरफ से एक टूर्नामेंट खेलने के लिए चंडीगढ़ पहुंचे. अर्जुन की युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह के साथ प्रैक्टिस सेशन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल है. योगराज सिंह करीब एक हफ्ते से अर्जुन को ट्रेनिंग दे रहे हैं. (yograjofficial)
भारत के पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह पंजाबी फिल्मों में शानदार एक्टिंग करने के अलावा कोच के रूप में भी प्रसिद्ध हैं. 1980 के दशक में उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका मिला. उन्होंने भारत की तरफ से एकमात्र टेस्ट मैच 1981 में न्यूजीलैंड दौरे पर खेला. दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने इस मुकाबले में सिर्फ एक विकेट लिया. उन्होंने भारत के पूर्व कोच जॉन राइट को बोल्ड मारा.
योगराज सिंह ने भारत के तरफ से सिर्फ 6 वनडे मुकाबले खेले. उनके नाम 4 विकेट दर्ज है. वहीं 1976-77 में फर्स्ट क्लास डेब्यू करने वाले इस गेंदबाज का घरेलू क्रिकेट करियर भी ज्यादा लंबा नहीं रहा. योगराज सिंह ने करीब 8 सालों में 30 फर्स्ट क्लास मैच और 13 लिस्ट ए मुकाबलों में हिस्सा लिया. फर्स्ट क्लास में उनके नाम 66 और लिस्ट ए 14 विकेट दर्ज है. उनका करियर बेटे युवराज सिंह की तरह सुनहरा नहीं रहा.
योगराज सिंह सिर्फ 28 साल में क्रिकेट के मैदान से दूर हो गए. इसके बाद उन्होंने पंजाबी फिल्मों की ओर अपना रुख किया. उन्होंने दर्जनों पंजाबी फिल्मों में अहम भूमिका निभाई है.
अभिनय के अलावा योगराज सिंह बेटे युवराज को भी क्रिकेट का गुर सिखाते रहे. युवराज सिंह को ऑलराउंडर बनाने में उनका बतौर कोच भी अहम योगदान है. इसके अलावा पंजाब के एक और बल्लेबाज मनन वोहरा भी योगराज के शार्गिद रहे हैं.
मनन वोहरा आईपीएल में पंजाब किंग्स की ओर से 55 मैच खेल चुके हैं. फर्स्ट क्लास में वोहरा का रिकॉर्ड और भी बेहतर है. वोहरा महज 8 साल की उम्र से ही योगराज सिंह से ट्रेनिंग ले रहे हैं. एक बार ट्रेनिंग सेशन के दौरान वोहरा को चोट लगी तो उनके चेहरे से खून बहने लगा. वोहरा तो रोने लगे तो योगराज ने उन्हें एक थप्पड़ जड़ दिया और कहा कि जाकर पट्टी कराके दोबारा बैटिंग करने उतरो.