अशोक चांदना की धमकी के बाद भी शांत हैं सचिन पायलट, फिर भी थम क्यों नहीं रही ये सियासी जंग?

Rajasthan Politics: अशोक चांदना और सचिन पायलट दोनों गुर्जर समाज से हैं। पहले दोनों एक साथ थे लेकिन पिछले दो साल से अशोक चांदना अशोक गहलोत गुट में शामिल हैं। पायलट और उनके समर्थकों की ओर से लगातार अशोक गहलोत का विरोध किए जाने के बाद ऐसा माना जा रहा कि एक गुट अब अशोक चांदना को आगे बढ़ाना चाहता है। जानिए वजह?

गहलोत ने बयान ने फिर बढ़ा दिया सियासी बवाल, केंद्रीय मंत्री शेखावत के साथ पायलट को घेर लियाजयपुर: राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) होने हैं। इससे ठीक पहले सत्ताधारी कांग्रेस में जुबानी जंग जारी है। गहलोत और पायलट (Ashok Gehlot Sachin Pilot) समर्थकों के बीच बयानबाजी का दौर थमता नहीं दिख रहा। दोनों ही सीनियर नेताओं के समर्थक पिछले कुछ महीनों से अपने नेता को सर्वोपरि बताते हुए बयान दे रहे हैं। इसी बीच 12 सितम्बर को अजमेर के पुष्कर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गहलोत गुट के मंत्री अशोक चांदना (Ashok Chandna) एक सभा को संबोधित कर रहे थे। तभी तभी चौंकाने वाला मामला हुआ, जिस पर सियासी पारा चढ़ गया।

जानकारी के मुताबिक, सभा में पायलट के समर्थन में नारे लगाने वाले कुछ युवाओं के समूह ने चांदना की तरफ जूते और चप्पलें फेंक कर विरोध किया। इस घटना के बाद अशोक चांदना ने सचिन पायलट को खुली धमकी दे डाली। वहीं हमेशा की तरह सोच-समझ कर बयान देने वाले सचिन पायलट ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसके बावजूद भी इस इश्यू को चर्चाओं में रखने के लिए नेताओं के बयान जारी हैं। सवाल यही है कि आखिर क्या वजह है कि पायलट की प्रतिक्रिया नहीं आने के बावजूद इस मुद्दे को गर्म क्यों रखा जा रहा?

चांदना को कांग्रेस में बड़े गुर्जर नेता के रूप में स्थापित करने का प्लान
अशोक चांदना और सचिन पायलट दोनों गुर्जर समाज से हैं। पहले दोनों एक साथ थे लेकिन पिछले दो साल से अशोक चांदना अशोक गहलोत गुट में शामिल हैं। पायलट और उनके समर्थकों की ओर से लगातार अशोक गहलोत का विरोध किए जाने के बाद कांग्रेस अब अशोक चांदना को आगे बढ़ाना चाहती है। ऐसा माना जा रहा कि पुष्कर में जूते-चप्पल फेंकने की घटना के बाद गहलोत गुट से चांदना को गुर्जर नेता के रूप में स्थापित करने की कवायद तेज हो गई है। दोनों गुर्जर नेताओं को आमने-सामने किया जा रहा ताकि गुर्जरों को दो गुटों में बांटा जा सके। कांग्रेस के सीनियर नेता होने की वजह से अधिकतर गुर्जर नेता जातिगत रूप से सचिन पायलट के साथ हैं। पायलट को लगातार सीएम बनाने की मांग भी की जा रही है। इसी बीच गहलोत समर्थक नेता चांदना पर जूते फेंकने वाले इश्यू को भुनाने में जुट गए हैं।

गहलोत गुट इस इश्यू को चर्चा में रखना चाहते हैं
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बीच पायलट समर्थकों ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग तेज कर दी है। कई विधायक खुलेआम बयान भी दे रहे हैं। पुष्कर में अशोक चांदना की सभा में जूते-चप्पल फेंकने की घटना के बाद अब गहलोत गुट को एक मुद्दा मिल गया है, जिसके जरिए वे सचिन पायलट को घेरने की कोशिश में हैं। ऐसा माना जा रहा कि पायलट के विरोधी इस मुद्दे के जरिए उन पर हमले कर रहे। वहीं सचिन पायलट की ओर से बिना किसी पलटवार के बावजूद चांदना ने हिंडोली में फिर से इस मुद्दे को उठाते हुए बयान दे डाला।

चांदना ने कहा- जूते फेंकने वाली साजिश का खुलासा करूंगा
पुष्कर में हुई घटना के बाद अशोक चांदना अपने विधानसभा क्षेत्र में गए। हिंडोली में ग्रामीण ओलम्पिक खेलों के उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा कि पुष्कर में उनके साथ जो घटना हुई, उसमें बाहरी लोग थे। ऐसे लोगों को यहां किसी कार्यक्रम में अन्दर नहीं घुसने दिया जाएगा। उस घटना के पीछे जो षडयंत्र रचने वाले हैं, उनको जल्द ही बेनकाब किया जाएगा। इस तरह का बयान देकर चांदना ने एक बार फिर से इस मुद्दे को जिंदा रखने की कोशिश की है। हालांकि खुद सचिन पायलट और उनके गुट के किसी भी विधायक ने इस इश्यू पर कोई प्रतिक्रिया तक नहीं दी। किसी ने अशोक चांदना के बयान पर पलटवार नहीं किया।

इसलिए चांदना को तवज्जो नहीं देना चाहते पायलट
पुष्कर में हुई घटना के बाद अशोक चांदना ने सीधे तौर पर एक तरह से सचिन पायलट को खुली धमकी दे दी। चांदना की ओर से धमकी देने के बाद भी पायलट और उनके गुट के विधायकों का पलटवार नहीं करना क्या कोई सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है? इसकी कुछ अहम वजहें हैं। दरअसल, अशोक चांदना अभी सचिन पायलट से काफी जूनियर हैं। ऐसे में खुद पायलट और उनके समर्थित विधायक चांदना को खास तवज्जो नहीं देना चाहते। इसी वजह से उनकी ओर से कोई पलटवार नहीं किया गया। हालांकि, पायलट समर्थित युवाओं ने सोशल मीडिया पर पुष्कर की घटना से उनका कोई संबंध नहीं होने की बातें कही हैं। इसके बावजूद भी गहलोत समर्थित लोगों ने सचिन पायलट पर तीखे हमले किए।