साइना नेहवाल: भारत की वो टैलेंटेड बेटी जिसने बैडमिंटन में दिलाया था देश को पहला ओलंपिक मेडल

17 मार्च 1990. यह वो तारीख है जब हरियाणा के हिसार में भारत की बैडमिंटन क्वीन साइना नेहवाल का जन्म हुआ था. पिता डॉ. हरवीर सिंह और माता उषा ने उन्हें हैदराबाद में बड़ा किया. कहते हैं साइना महज़ 8 साल की थी़ं जब उन्होंने पहली बार अपने हाथों में बैडमिंटन पकड़ा था. बाद में उन्होंने इसे अपना करियर बना लिया. 

बैडमिंटन का हुनर साइना का विरासत में मिला. उनके माता-पिता बैडमिंटन खिलाड़ी थे. साइना ने अपने करियर की शुरुआत हैदराबाद के लाल बहादुर स्‍टेडि‍यम में ट्रेनिंग लेने से शुरू की. वो साल 2004 था जब राष्ट्रमंडल युवा खेलों में रजत पदक जीतकर साइना ने अपनी क्षमता को प्रदर्शित किया. आगे 2006 में विश्व जूनियर चैंपियनशिप में रजत जीतकर उन्होंने साबित कर दिया कि वो बैडमिंटन में भारत का भविष्य हैं.

साइन ने कॉमनवेल्थ गेम्स में दो गोल्ड मेडल जीते और लंदन ओलंपिक 2012 में अपने खेल से इतिहास रच दिया था. उन्होंने भारत के लिए बैडमिंटन की महिला एकल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया था. साइना पहली भारतीय और सबसे युवा एशियन भी हैं जिन्होंने 4-स्टार टूर्नामेंट जीता. अपने खेल के लिए साइना पद्म श्री और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित हो चुकीं हैं.

साइना के अब तक प्रदर्शन को देखते हुए कहना गलत नहीं होगा कि साइना नेहवाल भारतीय बैडमिंटन की शान हैं. भारत की बेटी साइना से उम्मीद है कि वो आगे भी भारत को गर्व के क्षण देती रहेंगी.