सायरा बानो के बारे में कहा जाता है कि उन्हें दिलीप साहब बचपन से ही पसंद थे और वो कहती थीं कि बड़े होकर उनसे ही शादी करेंगी. और बड़े होकर आखिरकार दिलीप कुमार और सायरा बानो की शादी हुई. उम्र के लंबे फासले की ये शादी फिल्म इंडस्ट्री के लिए ही नहीं पूरी दुनिया के लिए मिसाल बनी. उम्र के आख़िरी पड़ाव पर जब दिलीप साहब का जिस्म साथ देने से इंकार कर रहा था तो सायरा बानों उनकी कान और आँख बनी. वो दिलीप कुमार के इशारे समझती थीं, वो अनकही बातें भी जान जाती थीं. प्रेमिका, पत्नी के बाद सायरा बानो ने अपने साहब की मां बनकर देखभाल की.
दिलीप कुमार के साथ एक्टिंग का एक युग चला गया. उनके जाने से जो खालीपन आया वो हमेशा रहेगा. दिलीप कुमार की एक्टिंग के ही नहीं बल्कि उनकी शख़्सियत के भी लोग दीवाने रहे. सायरा बानो दिलीप कुमार के जाने के बाद भी उनके साथ हैं. वो दिलीप साहब के निधन के बाद अपनी शादी की 56वीं सालगिरह से पहले कहतीं हैं कि वो ख्यालों में आज भी एक-दूसरे का हाथ थामे चलते हैं. उन्होंने अपने दोस्तों, शुभचिंतकों का आभार भी जताया. सायरा बानो बतातीं है कि दिलीप कुमार की मोहब्बत में भी उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में आने का फ़ैसला किया था. बचपन की ख़्वाहिश को सायरा बानो ने हक़ीक़त में बदला. वो अभिनेत्री भी बनी और दिलीप साहब की मोहब्बत भी.
अपने साहब के बिना सायरा बानो का एक साल शायद एक सदी की तरह गुज़रा हो लेकिन वो कहतीं है कि वो कभी अलग हुए ही नहीं. उनके साहब अब भी उनका हाथ थामें हुए हैं. वो हक़ीक़त में भले जुदा हो गए हों लेकिन रूहों की दुनिया में उनका बसेरा अब भी. आज हम दिलीप साहब को याद कर रहे हैं और सायरा अपने साहब के साथ अपनी ज़िंदगी बसर कर रही हैं इस उम्मीद में कि उनके साहब दूसरी दुनिया में उनका इंतज़ार कर रहे होंगे.