दिव्यांगों को लेकर इस समाज की सोच अभी तक नहीं बदली है. व्हीलचेयर पर बैठे इंसान ढंग से हर जगह आ-जा पाए इसके लिए प्लेटफ़ॉर्म भी नहीं बने हैं. दिव्यांगों को लेकर बहुत से लोग ये भी सोचते हैं कि वो कुछ नहीं कर सकते. ऐसे लोगों की सोच पर सवालिया निशान लगाने के साथ ही सभी को प्रेरित कर रहा है व्हीलचेयर पर ही बैठा एक शख़्स.
डेविड वॉल्श (David Walsh) नामक ये शख़्स इंग्लैंड का रहने वाला है. डेविड दुनिया का सबसे बलवान दिव्यांग बनने के लिए ट्रेनिंग कर रहा है. 2012 में डॉक्टर्स ने उन्हें बताया कि वे मल्टिपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis) से ग्रसित हैं. Metro की रिपोर्ट के अनुसार, बीमारी के पांच साल बाद डेविड स्ट्रॉन्गमैन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरु किया और उन्हें इस खेल से प्यार हो गया.
बीमारी के बाद डिप्रेशन में चले गए
2016 में सेना से रिटायर हुए डेविड, सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों में थे और पलक झपकते ही उनकी ज़िन्दगी बदल गई, वे व्हीलचेयर पर आ गए. परिवार के बारे में, ख़ुद के बारे में सोचते-सोचते वे अवसाद ग्रसित हो गए. डेविड ने हार नहीं मानी और जिम जाना शुरु किया. स्ट्रॉन्गमैन उनकी ज़िन्दगी में सकारात्मक बदलाव लेकर आया. एक सैनिक ने ही उन्हें स्ट्रॉन्गमैन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया.
बनना चाहता है दुनिया का सबसे बलवान दिव्यांग
2020 में डेविड ने वर्ल्ड्स स्ट्रॉन्गेस्ट डिस्एबल्ड मैन प्रतियोगिता में हिस्सा लिया लेकिन दूसरे पायदान पर रहे. वे दुनिया के सबसे बलवान दिव्यांग बनने के लिए ट्रेनिंग कर रहे हैं. उनके नाम पर एक से एक रिकॉर्ड हैं. व्हीलचेयर पर बैठे हुए उन्होंने बिना किसी की सहायता के दो 10 टन के ट्रक खींच लिए थे.
सालों तक मेहनत करने के बाद डेविड ने अपने अंदर की शक्ति को पहचाना. वे Freight Management की नौकरी करते हैं. डेविड वॉल्श सबके लिए प्रेरणा हैं.