हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन पर संकट

प्रदेश के हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन पर संकट आ गया है। पिछले माह का वेतन कर्मचारियों को नहीं मिला है। इसमें शिक्षा विभाग से लेकर कई सरकारी विभागों के कर्मचारी शामिल है। बता दे कि शिक्षा विभाग में अकेले 170 आउटसोर्स कर्मचारी है, जिनका वेतन अभी तक नहीं मिल पाया है। गुरूवार को ये सभी कर्मचारी वित्त विभाग के सचिव से मिले। यहा पर कर्मचारियों ने वेतन अभी तक जारी न होने पर नराजगी जताई है।
आउटसोर्स कर्मचारियों का आरोप है कि एक तरफ आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी बनाने के दावे किए जा रहे है, लेकिन यहां वेतन तक लाले पड़ गए है। जानकारी के मुताबिक संबंधित कंपनी के समक्ष किया गया एमओयू 31 मार्च को खत्म हो गया था लेकिन रिन्यू नहीं होने की वजह से इनकी सैलरी जारी नहीं हो पाई है। अब इसके पीछे कई वजह सामने आ रही है जिस पर प्रदेश सरकार को भी गंभीरता जाहिर करनी होगी। अब कर्मचारियों का यह कहना है कि विभाग में अपनी सेवाएं देने के बाद यदि समय पर भी वेतन जारी नहीं हो तो आउटसोर्स कर्मचारियों के कार्य को सरकार किस तरह से आगे देख पाएगी। जानकारी के मुताबिक एक अनुमान है कि लगभग हिमाचल में 26000 कर्मचारियों के वेतन पर संकट खड़ा हो गया है। यह भी जानकारी मिली है कि संबंधित फाइल सरकार के पास अटकी हुई है।

उधर इस मामले पर आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शैलेन्द्र शर्मा का कहना है कि सरकार बार – बार हमें आश्वासन दे रही है। धीरे – धीरे आउटसोर्स के वेतन पर संकट जिस तरह से खड़ा हो रहा है, वो सरकार पर बड़े सवाल खड़े करती है। शैलेन्द्र शर्मा ने कहा कि पॉलिसी की मांग को लेकर एक बार फिर कर्मचारी एकत्रित होंगे।