Salim Durani Story: न कोई था, न है और न ही कोई आप जैसा होगा… भारतीय क्रिकेट के शहजादा सलीम की कहानी

Salim Durani Death: आईपीएल का आगाज 2008 में हुआ, लेकिन भारत को एक ऐसा क्रिकेटर 1960 में ही मिल गया था, जो दर्शकों की मांग पर छक्का उड़ाता था। उनका नाम सलीम दुर्रानी है। उनका 88 वर्ष की उम्र में रविवार को निधन हो गया।

नई दिल्ली: काबुल में जन्में लेकिन भारत के लिए क्रिकेट खेलने वाले और दर्शकों की मांग पर सिक्स लगाने वाले सलीम दुर्रानी का रविवार को निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। उनके परिवार के निकट सूत्रों ने उनकी निधन की पुष्टि की। अपने अंदाज और दिल जीतने के फन के कारण वह वाकई शहजादे सलीम थे। साठ और सत्तर के दशक में भारतीय क्रिकेट की शैशवावस्था के साक्षी रहे हर क्रिकेटप्रेमी को याद होगा कि कैसे मैदान में दर्शक दुर्रानी से छक्के की मांग करते थे और वह कभी उनका दिल नहीं तोड़ते थे।

आंकड़े नहीं बताते पूरी कहानी

ईडन गार्डंस पर करीब 90000 दर्शक पूरा गला फाड़कर एक साथ ‘सिक्सर सिक्सर’ चिल्लाते थे और यह महान खिलाड़ी अगली गेंद को लॉन्ग ऑन या डीप मिडविकेट बाउंड्री के पास भेज देता था। सुनील गावस्कर ने एक बार लिखा था कि अगर सलीम दुर्रानी आत्मकथा लिखेंगे तो उसका शीर्षक होगा, ‘आस्क फॉर अ सिक्स।’ दुर्रानी के दबदबे का आकलन 1960 से 1973 के बीच खेले गए 29 टेस्ट से नहीं हो सकता और ना ही 1200 रन या 75 विकेट से जो उन्होंने लिए।

सलीम दुर्रानी जी महान क्रिकेटर थे और अपने आप में एक संस्थान थे। मुझे उनसे बात करने का मौका मिला और मैं उनकी बहुमुखी प्रतिभा से काफी प्रभावित रहा। उनकी कमी निश्चित तौर पर खलेगी।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

नो सलीम, नो टेस्ट
उस समय टेस्ट मैच खेलने पर 300 रुपये मिलते थे लेकिन दुर्रानी सिर्फ दर्शकों का मनोरंजन और खेल से मोहब्बत के लिए खेलते थे। वेस्टइंडीज के 1971 के दौरे पर अपनी पदार्पण सीरीज में 774 रन बनाकर गावस्कर ने भारतीय टीम को कैरेबियाई सरजमीं पर टेस्ट सीरीज में पहली जीत दिलाई । लेकिन पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट में अगर दुर्रानी एक ही स्पेल में क्लाइव लॉयड और गैरी सोबर्स का विकेट नहीं लेते तो यह संभव नहीं होता।

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उसके बाद इंग्लैंड दौरे पर उन्हें टीम में जगह नहीं मिली क्योंकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड पर हावी मुंबई गुट को लगा कि वह इंग्लैंड के हालात में खेल नहीं सकेंगे। उन्हें ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड दौरै के लिए नहीं चुना जाना समझ से परे रहा। इंग्लैंड के खिलाफ ईडन गार्डंस पर अर्धशतक जमाने के बाद कानपुर टेस्ट में उन्हें नहीं चुना गया। इसका असर ऐसा था कि लोगों ने पोस्टर दिखा दिए, ‘नो सलीम, नो टेस्ट।’

दुर्रानी का करियर

  • टेस्ट: 29

  • रन: 1202

  • हाईएस्ट: 104

  • सेंचुरी 1

  • फिफ्टी 7

  • विकेट 75