कहते हैं सपने वही पूरे होते हैं जो आपने खुली आंखों से देखे हों. ऐसी ही कहानी है पश्चिम बंगाल के मिन्टू राय की. मिन्टू ने बचपन में ख्वाब देखा था कि उनका अपना घर हो और ये घर जहाज़ जैसा हो. मिन्टू अपना सपना पूरा करने में कामयाब हो गया और आखिरकार उसने अपने सपनों का घर बना ही लिया.
किसान का सपना हुआ पूरा
उत्तर 24 परगना के हेलेंचा ज़िला का रहने वाला मिन्टू राय खेती-बाड़ी करके अपना घर चलाता है. सिलीगुड़ी के फ़ासीदावा इलाके में 20-25 साल पहले अपने पिता के साथ आए और यहीं बस गए. पिता के साथ सिलीगुड़ी में बसने के बाद कई साल गुज़र गए लेकिन मिन्टू की आंखों में एक सपना था. जैसा कि किसी भी आम शख़्स का सपना होता है, मिन्टू का भी सपना था कि उसका अपना घर हो और ये घर सबसे अनोखा हो.
News18 Bengali की रिपोर्ट के अनुसार, मिन्टू अपना सपना लेकर कुछ इंजीनयिर्स के पास गए लेकिन किसी ने भी मिन्टू के सपने पर भरोसा नहीं किया. उसने खुद ही अपना सपना पूरा करने का बीड़ा उठाया और धीरे-धीरे काम शुरू किया.
नेपाल जाकर सीखा राजमिस्त्री का काम
गौरतलब है कि पैसों की कमी की वजह से मिन्टू के काम में रुकावटें आती रहीं लेकिन मिन्टू ने हार नहीं मानी. मिन्टू को जब लगा कि पैसों की कमी की वजह से बार-बार काम रुकता ही रहेगा तो उसने खुद अपने हाथों से ही घर बनाने का निर्णय लिया. मिन्टू नेपाल गया और तीन साल वहां रहकर राजमिस्त्री का काम सीखा.
Titanic जैसा घर बनाया
मिन्टू ने 2010 में घर बनाना शुरू किया था. उसका घर 39 फ़ीट लंबा और 13 फ़ीट चौड़ा है. इसकी ऊंचाई तकरीबन 30 फ़ीट है. मिन्टू ने खेती-बाड़ी करके ही कमाई की, बचत की और अपना घर बनाया. अब ये घर इलाके के लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन गया है.
मिन्टू को उम्मीद है कि अगले साल तक उसका घर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा. इस किसान के जज़्बे को सलाम.