आज के जमाने में शिक्षा को भी कॉर्पोरेट ने जकड़ लिया है. अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए पैरेंट्स को मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है. ऐसे में गरीब परिवार के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं. लेकिन उनमें कुछ ऐसे भी बच्चे होते हैं, जो किसी भी कीमत पर अच्छी शिक्षा हासिल कर भविष्य में कुछ बनने का सपना देखते हैं. फिर इसके लिए उन्हें कुछ काम ही क्यों ना करना पड़े. आज बात कुछ ऐसे ही स्टूडेंट्स की जो पढ़ाई जारी रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और समाज के लिए मिसाल हैं.
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पढ़ाई के लिए बेचती हैं मूंगफली
केरल की बारहवीं की छात्रा विनिशा अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए स्कूल के बाद मूंगफली बेचने का कार्य करती हैं. चेरथला में रहने वाली विनिशा के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उनके पिता एक मजदूर हैं. विनिशा कक्षा बारहवीं की छात्रा हैं. क्लास खत्म के बाद वह मूंगफली भी बेचती हैं. वो शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक मूंगफली का ठेला लगाती हैं. इसके बाद वो पढ़ाई करती हैं.
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जूस बेचने वाले ने पास RPSC PTI परीक्षा
27 वर्षीय भवानी सिंह भाटी जोधपुर के एक छोटे से गांव से आते हैं और जूस विक्रेता है. हर मुश्किल समय का उन्होंने मजबूती से सामना किया और अपनी पढ़ाई को रुकने नहीं दिया. ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद वो 20 से अधिक प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी तैयारी में जुटे रहे. अंतत: वो आरपीएससी, पीटीआई परीक्षा पास करने में सफल रहे है.
Anuradha
अफसर बनने के लिए कर रही हैं मजदूरी
अप्रैल 2021 में एक खबर के मुताबिक आदिवासी लड़की अनुराधा ने गरीबी से लड़कर किसी तरह MA किया. उन्होंने पढ़ाई के दौरान खेतों में मजदूरी करने का फैसला किया. बता दें कि अनुराधा मैसूर के एचडी कोटे तालुक में रहती हैं. पर्याप्त पैसे नहीं होने की वजह से कोचिंग क्लास नहीं कर पा रही थीं. ऐसे में उन्होंने एक खेत में काम करने का निर्णय लिया, जिससे मिलने वाले पैसे से वह अपनी ट्रेनिंग आगे बढ़ा सकें.
Jagran
साइकिल की दुकान में पंचर बनाकर बने आईएएस
महाराष्ट्र के एक छोटे से शहर बोइसार के रहने वाले वरुण का जन्म एक बेहद गरीब परिवार में हुआ. बचपन से ही वो खूब पढ़ना चाहते थे, मगर पैसों की कमी के कारण यह आसान नहीं था. पढ़ाई जारी रखने के लिए उन्होंने साइकिल के पंचर की दुकान में काम तक किया. धीरे-धीरे वो आगे बढ़ रहे थे. इसी बीच उनके पिता का निधन हो गया.
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यह वरुण के लिए कठिन समय था. उन्होंने तय कर लिया था कि वो अब पढ़ाई छोड़ देंगे. तभी उनका 10वीं का रिजल्ट आया, जिसमें उन्होंने स्कूल में टॉप किया था. आगे मेहनत और लगन से UPSC की तैयारी की और साल 2013 में हुई यूपीएससी की परीक्षा में 32वां रैंक ले आए. आज आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा कर रहे हैं.
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स्कूल जा सके इसलिए घरों में फेंकता है अख़बार
सितंबर 2021 की एक खबर के अनुसार, तेलंगाना के जगतियल का रहने वाला जय प्रकाश स्कूल जाता है, लेकिन उससे पहले वो सुबह सबके घरों में अख़बार डालने का भी काम करता है. पढ़ाई और नौकरी करने की कोशिश कर रहे इस बच्चे की वीडियो ने लोगों का दिल जीत लिया था. इस वीडियो को तेलंगाना के मंत्री के टी रामा राव ने ट्विटर पर शेयर किया था.
ये महज कुछ उदाहरण हैं. देश में ऐसे कई स्टूडेंट्स हैं, जो पढ़ाई करने के लिए खुद मेहनत मजदूरी कर रहे हैं. ताकि भविष्य उनका उज्जवल हो सके.