संधोल तहसील कमेटी ने आंगनवाड़ी वर्करों को सरकारी कर्मचारी बनाने की उठाई मांग

संधोल तहसील कमेटी ने आंगनवाड़ी वर्करों को सरकारी कर्मचारी बनाने की उठाई मांग

आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हैल्पर्स यूनियन सम्बन्धित सीटू संधोल तहसील कमेटी ने आंगनवाड़ी वर्करों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग उठाई और प्री प्राइमरी टीचर की भर्ती में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में से ही भर्ती करने की मांग की है। जिसके लिए आज तहसीलदार संधोल के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा जिसका नेतृत्व यूनियन की तहससील कमेटी की अध्यक्षा मंगलेश कुमारी व चंपा देवी, महासचिव मोनू और विद्या देवी ने किया तथा सीटू के ज़िला प्रधान भूपेंद्र सिंह भी इस मौके पर उपस्थित हुए।उन्होंने कहा किबाल विकास परियोजना को चले हुए 40 वर्ष से ज़्यादा का समय हो गया है लेकिन सरकार इन्हें अभी तक भी स्वयंसेवी के पदनाम से जानती है और इन्हें अभी तक मज़दूर व कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया गया है।इन्हें किसी प्रकार का रिटायरमेंट लाभ नहीं दिया जाता है और न ही पेंशन दी जाती है। अब सरकार ने इन्हें प्री प्राईमरी भर्ती से बाहर करने का निर्णय लिया है जिसका यूनियन कड़ा विरोध कर रही है। यूनियन ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने अपना निर्णय नहीं बदला तो इसका उग्र रूप में विरोध किया जायेगा। यूनियन पदाधिकारियों ने बताया की प्री प्राइमरी नियुक्तियों से आंगनबाड़ी कर्मियों को बाहर करने के फ़ैसले को प्रदेश सरकार का आंगनबाड़ी व आईसीडीएस विरोधी फ़ैसला बताया है। यूनियन ने आंगनवाड़ी केंद्रों को प्री प्राईमरी स्कूल का दर्जा देने, सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के अनुसार ग्रेचुअटि देने, स्नातक स्तर की वरिष्ठता के आधार पर सुपरवाईजर भर्ती करने, पोषण ट्रैक की प्रोत्साहन राशि सभी वर्करों को देने, डी बी टी योजना पर रोक लगाने, हरियाणा की तर्ज़ पर वेतनमान देने, सरकारी कर्मचारी घोषित करने, पेंशन सुविधा देने और मिनी केंद्रों को पूर्ण केंद्रों के बराबर सुविधाएं देने की भी मांग की है।यूनियन ने सरकार से अपने फैसला तुरन्त बदलने की मांग की है और आंगनबाड़ी कर्मियों को प्री प्राइमरी में सौ प्रतिशत नियुक्ति देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्री प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी कर्मियों को दिया जाए क्योंकि ये प्रशिक्षित कर्मी हैं और ये कर्मी पहले से ही अर्ली चाइल्डहुड केअर एंड एजुकेशन(ईसीसीई) के तहत 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। इसलिये नई शिक्षा नीति के तहत इन्हीं प्रशिक्षित कर्मियों को प्री प्राइमरी में नियुक्ति दी जाए। उन्होंने हैरानी व्यक्त की है कि पिछले दो वर्षों से प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी कर्मियों को प्री प्राइमरी में नियुक्ति की बात करती रही है व अब अपनी ही बात से मुकर गयी है। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने प्री प्राइमरी में आंगनबाड़ी कर्मियों को 30 प्रतिशत कोटा देने की बात की थी जिस से भी अब सरकार मुकर गई है। उन्होंने सरकार के इस कदम को आंगनबाड़ी कर्मी विरोधी करार दिया है।

इस अवसर पर यूनियन की संधोल व कोठुवां सर्कल कमेटीयों का भी गठन किया गया।जिसमें संधोल सर्कल का प्रधान मंगलेश कुमारी को बनाया गया और बनो देवी को उपाध्यक्ष मोनू को सचिव पम्मी को सह सचिव तथा निशा देवी को कोषाध्यक्ष बनाया गया। कोठुवां सर्कल का प्रधान चंपा देवी को अंजना को उपप्रधान विद्या देवी को सचिव रीता देवी को सहसचिव और लता देवी को कोषाध्यक्ष चुना गया।