बिहार में संघ कर रहा भाजपा की जमीन तैयार, जदयू-राजद की जोड़ी की बढ़ेंगी मुश्किलें

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने बिहार में अपनी शाखाओं का संजाल तेजी से बढ़ाना शुरू कर दिया है। संघ अपनी इन शाखाओं के जरिए जहां राष्ट्रवादी गतिविधियों का प्रसार करेगा वहीं, भाजपा के लिए कार्यकर्ताओं की विशाल फौज भी तैयार करेगा।

आरएसएस
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बिहार में भाजपा के हाथ से सत्ता फिसलने के बाद अब उसकी मातृ संस्था आरएसएस ने पार्टी के लिए नए सिरे से जमीन तैयार करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इससे राज्य में सत्तारूढ़ नीतीश कुमार नीत जदयू और लालू यादव नीत राजद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने बिहार में अपनी शाखाओं का संजाल तेजी से बढ़ाना शुरू कर दिया है। संघ अपनी इन शाखाओं के जरिए जहां राष्ट्रवादी गतिविधियों का प्रसार करेगा वहीं, भाजपा के लिए कार्यकर्ताओं की विशाल फौज भी तैयार करेगा। चूंकि, संघ जमीन कार्यक्रमों व एजेंडे के जरिए कामकाज करता है, इसलिए उसकी समाज व जनता में गहरी पैठ बन जाती है। उसकी यही पकड़ भाजपा के पक्ष में माहौल बनाती है।

आरएसएस के उत्तर-पूर्व के कार्यवाह डॉ. मोहन सिंह के अनुसार बिहार में पिछले साल 1075 स्थानों पर संघ की शाखाएं लगती थीं, लेकिन इस साल ये बढ़कर 1476 हो गई हैं। इनमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता या स्वयं सेवक शामिल हो रहे हैं। राज्य में इस साल 545 सप्ताहिक मिलन और 168 संघ मंडली लग रही है। ये 2021 के मुकाबले काफी अधिक है।

संघ पदाधिकारी ने बताया कि दिवाली के मौके पर 16-19 अक्तूबर को प्रयागराज में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक हुई थी। इसमें संघ के कार्यों की समीक्षा रिपोर्ट पेश की गई। इसमें बताया गया कि बिहार में न सिर्फ संघ की शाखाओं में वृद्धि हुई, बल्कि साप्ताहिक मिलन और संघ मंडली में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।

बिहार चुनाव में तीन साल का वक्त, पर 2024 की तैयारी तेज
बिहार विधानसभा चुनाव में अभी तीन साल का वक्त है, ऐसे में संघ राज्य में अपनी गतिविधियों का निरंतर प्रयास कर भाजपा के लिए उर्वर जमीन तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। वहीं, जदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन भी अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास करेगा। 2024 के आम चुनाव और उसके बाद 2025 के बिहार चुनाव के पहले देश के विभिन्न राज्यों में 2022 और 2023 में विधानसभा चुनाव भी होंगे, इन सबका असर बिहार की राजनीति पर पड़ेगा। इस बीच, नीतीश बनाम तेजस्वी की जंग छिड़ी तो महागठबंधन का बेड़ा गर्क होने में देर नहीं लगेगी।