सांगली साधू पिटाई मामले में पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आईपीसी की धारा 323 ,324 के तहत मामला दर्ज किया है। 5 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है जबकि 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
सांगली: महाराष्ट्र के सांगली जिले में साधुओं की निर्मम पिटाई मामले में 6 लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आईपीसी की धारा 323 ,324 के तहत मामला दर्ज किया है। 5 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है जबकि 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का अब तक
साधुओं से दोबारा संपर्क नहीं हो पाया है। वहीं इस मामले को लेकर महाराष्ट्र में राजनीति शुरू हो गई है। उद्धव गुट और बीजेपी एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कुछ लोग लाठियों से साधुओं को पीटते दिख रहे हैं। सांगली के उमाडी थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक पंकज पवार ने कहा, ‘साधुओं ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई। लेकिन हमने स्वत: संज्ञान लेते हुए 18 से 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें से छह लोगों की पहचान करके उन्हें हिरासत में लिया गया है।’
क्या है पूरा मामला?
पुलिस अधिकारी ने बताया कि चारों साधु एक वाहन से सोलापुर जिले के पंढरपुर जा रहे थे। अधिकारी ने कहा, ‘रास्ता भटकने के बाद, वे लवंगा गांव के पास एक बिजलीघर स्टेशन के निकट एक लड़के के पास पहुंचे। वह लड़का कन्नड़ के अलावा और कोई भाषा नहीं जानता था। वह उनका चेहरा देखकर डर गया और ‘चोर-चोर’ चिल्लाने लगा। इससे कुछ स्थानीय लोगों को संदेह हुआ कि वे बच्चों का अपहरण करने वाले आपराधिक गिरोह का हिस्सा हैं।’
अधिकारी ने कहा, ‘गांव के लोग वहां जमा हो गए और साधुओं को पकड़ लिया। दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते बढ़ गई और स्थानीय लोगों ने साधुओं को कथित तौर पर लाठियों से पीट दिया।’ अधिकारी ने कहा कि पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची तो पाया कि साधु उत्तर प्रदेश के एक अखाड़े के सदस्य हैं और गलतफहमी की वजह से यह घटना हुई। साधुओं ने मामले को आगे नहीं बढ़ाया और वहां से चले गए।
उद्धव गुट ने सरकार पर लगाया आरोप
उद्धव गुट की शिवसेना के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, आज सांगली में सुबह-सुबह चार साधुओं की पिटाई का जो निर्मम मामला सामने आया है, बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हम किस राज्य में हैं, हम किस राज्य में रह रहे हैं, हम किस सरकार में हैं, एक तरफ सरकार कहती है कि हम हिंदूवादी हैं, हिंदुओं के संरक्षक हैं और दूसरी तरफ सांगली में हमारे संतों की भूमि पर साधुओं की पिटाई का मामला सामने आता है।
आनंद ने आगे कहा, ‘जब हमारी सरकार थी तब आरोप लगाना आसान था कि सरकार हिंदू विरोधी है, संतों-साधुओं की विरोधी है, सरकार को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए। आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए महाराष्ट्र की पावन भूमि यह बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार या तो यह कहे कि वह हिंदुओं के साथ है या फिर ढोंग रचना बंद करे कि हम हिंदूवादी हैं।’
‘दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी’
उद्धव गुट पर पलटवार करते हुए बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा, ‘महाराष्ट्र के सांगली में हमारे साधु-संतों के साथ जो मारपीट हुई जो निर्मम व्यवहार हुआ, उसकी हम निंदा और कड़ी आलोचना करते हैं। महाराष्ट्र संतों की भूमि है, साधु संत हमारे लिए श्रद्धेय है,उनके साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। जो दोषी हैं उन पर कठोर से कठोर कार्रवाई होगी।’
महाविकास आघाड़ी सरकार पर निशाना साधते हुए राम कदम ने कहा,’ पालघर साधु हत्याकांड में उसम समय के फेसबुक लाइव मुख्यमंत्री और उनकी सरकार ने अन्याय किया था, छलावा किया था मगर महाराष्ट्र की वर्तमान सरकार किसी भी साधु संतों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने देगी जो दोषी हैं उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी।’
दो साल पहले पालघर में हुई थी साधुओं की हत्या
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पालघर में भी 16 अप्रैल 2020 को भी ऐसी ही घटना हुई थी। यहां भी बच्चा चोरी के शक में दो साधु समेत 3 लोगों की बेरहमी से पिटाई की गई थी। भीड़ ने 70 साल के साधु कल्पवृक्ष गिरी और 35 साल के साधु सुशील गिरी के साथ उनके ड्राइवर नीलेश तेलगाडे की हत्या कर दी थी। पुलिस ने इस मामले में करीब 250 लोगों को गिरफ्तार किया था। दोनों साधु अपनी गाड़ी से मुंबई से सूरत जा रहे थे तभी पालघर के गढ़चिंचले गांव में भीड़ ने उनकी हत्या कर दी थी।