हाटी महाखुमली सम्मेलन में मौजूद कांग्रेस, भाजपा व हाटी समिति के नेताओं ने एक बार फिर गिरिपार को जल्द जनजातीय दर्जा मिलने की उम्मीद जताई। केंद्रीय हाटी समिति अध्यक्ष डॉ. अमीचंद कमल ने अपने संबोधन में कहा कि दरअसल 1979 में संवैधानिक संस्था अथवा हिमाचल सरकार द्वारा गिरिपार को जनजातीय दर्जा दिए जाने की सिफारिश की जा चुकी है। इसलिए केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय द्वारा उनकी मांग को रिजेक्ट करने को कहा जाना गलत है। उन्होंने कहा कि यदि गिरिपार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा सही ढंग से प्रयास किए गए होते तो 1967 में साथ लगते तत्कालीन यूपी के जौंसार क्षेत्र की तरह उन्हें भी अनुसूचित जनजाति दर्जा मिल गया होता।
उन्होंने कहा कि ट्रांसगिरी के अंतर्गत आने वाले विकास खंड संगड़ाह, शिलाई, तिल्लोरधार व राजगढ़ आदि की करीब तीन लाख की आबादी से जनजातीय क्षेत्र होने संबंधी सभी तय मापदंडों पर खरी उतरती है। इसके बावजूद आरजीआई अथवा केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय द्वारा इस मांग को पूरा नहीं किया जा रहा है। उन्होने अनुसूचित जनजाति दर्जा मिलने से नौकरियों व अन्य क्षेत्रों में मिलने वाले आरक्षण अथवा लाभ पर भी जानकारी दी।
महाखुमली आयोजन समिति एवं कांग्रेस रेणुका जी मंडल अध्यक्ष तपेंद्र चौहान ने अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग को लेकर क्षेत्रवासियों से संघर्ष तेज करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि आज साथ लगते शिमला जिला के कुपवी में चुड़ेश्वर सेवा समिति का अधिवेशन न होता, तो महाखुमली बैठक में भीड़ इससे कहीं ज्यादा होती। निमंत्रण के बावजूद सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप के न पहुंचने पर उन्होने खेद जताया।
समिति की संगड़ाह यूनिट के महासचिव मनोज कमल ने ब्लॉक कमेटी की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि सभी 44 पंचायतों से लोग यहां पहुंचे हैं, और इस सम्मेलन के लिए हर पंचायत से 10 हजार रुपये की चंदा राशि एकत्र की गई। उन्होंने कहा कि समिति द्वारा अब तक क्षेत्र की 20 पंचायतों में 9,625 लोगों की सदस्यता की जा चुकी है।
इसके अलावा सम्मेलन में कांग्रेस विधायक विनय कुमार, सिरमौर जिला परिषद अध्यक्ष सीमा कन्याल व बलबीर चौहान तथा रूप सिंह सहित कांग्रेस, भाजपा व हाटी समिति के कई नेता मौजूद रहे। इस बैठक में पद्मश्री से सम्मानित विद्यानंद सेराइक भी पहुंचे थे।
गौरतलब है कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में हाटी समिति द्वारा इससे पूर्व रोनहाट, शिलाई व पझौता में महाखुमली सम्मेलन के बाद संगड़ाह में चौथा बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया गया। सम्मेलन के डिग्री कॉलेज की महिला एनसीसी यूनिट की कैडेट्स द्वारा मौजूद लोगों को हाटी समुदाय के परिचय प्रपत्र बांट कर अनुसूचित जनजाति दर्जे की मुहिम के प्रति जागरूक किया।