पंजाब में संगरूर लोकसभा उपचुनाव जीतने के लिए आम आदमी पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए आम आदमी पार्टी के 6 मंत्री चुनाव प्रचार में उतरे हैं. इसके उलट यदि कांग्रेस की बात की जाए तो पार्टी ने एक गाना तैयार किया है और कानून व्यवस्था को लेकर पार्टी सिद्धू मूसेवाला के पोस्टर का भी सहारा ले रही है. भाजपा के पास भी एक मात्र मुद्दा कानून व्यवस्था ही है. शिरोमणि अकाली दल की बात करें तो उसके पास कई वर्षों से विभिन्न जेलों में बंद ‘बंदी सिंह’ या सिख कैदियों की रिहाई एकमात्र मुद्दा है.
लोकसभा उपचुनाव में भाजपा समर्थित उम्मीदवार केवल सिंह ढिल्लों और अकाली दल की उम्मीदवार कमलदीप कौर राजोआना लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए आक्रामक रूप से प्रचार कर रहे हैं, जिसे देखते हुए आम आदमी पार्टी ने अपना गढ़ बरकरार रखने के लिए मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, ब्रह्म शंकर जिम्पा, डॉ बलजीत कौर, हरभजन सिंह ईटीओ, गुरमीत सिंह मीत हेयर और लालजीत सिंह भुल्लर को संगरूर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिए नियुक्त किया है. मंत्री सरकार की उपलब्धियों और अपने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान की सफलता पर प्रकाश डालते हुए निर्वाचन क्षेत्र में बैठकें कर रहे हैं और रैलियों को संबोधित कर रहे हैं.
चुनाव में मान सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर
मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले एक सांसद के रूप में इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. इस साल विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. मान ने 2019 में 1.10 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. संगरूर संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले सीएम सहित तीन मंत्रियों के लिए सीट बनाए रखने की लड़ाई आप सरकार के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गई है. पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता भगवंत मान के पार्टी प्रत्याशी गुरमेल सिंह के समर्थन में रोड शो करने के बीच माहौल गरमाया हुआ है.
सिद्धू मूसेवाला की मौत पर सियासत
वहीं अन्य राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद इस चुनाव के जरिए अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं. आप के गढ़ संगरूर संसदीय क्षेत्र में नौ विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें मूसेवाला का जिला मानसा ज्यादा दूर नहीं हैं. कांग्रेस ने दलवीर सिंह गोल्डी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. चुनाव प्रचार में कांग्रेस एक पंजाबी गीत के जरिए सिद्धू मूसेवाला के फोटो के साथ चुनाव प्रचार कर रही है, जिसमें मूसेवाला का पार्थिव शरीर दिखाया गया है. इस वजह से उस पर आम आदमी पार्टी ने पंजाबी गायक की मौत का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है. मूसेवाला की हत्या के बाद सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे को चुनाव प्रचार में उठा रहे हैं. हालांकि आप इसे लेकर डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है.
शिअद के लिए बंदी सिखों की रिहाई एकमात्र मुद्दा
शिरोमणि अकाली दल (बादल) कई मुद्दों की व्यापकता के बावजूद ‘बंदी सिंह’ के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने पर जुटा हुआ है. गौरतलब है कि अकाली दल की संगरूर से प्रत्याशी कमलदीप कौर राजोआना का भाई बलवंत सिंह राजोआना पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या का दोषी है और पटियाला जेल में बंद है. कमलदीप कौर का कहना है कि इस उपचुनाव में हमारी लड़ाई अन्याय के खिलाफ है. निःसंदेह और भी कई मुद्दे हैं, लेकिन हम इसे सभी धर्मों के लोगों तक ले जा रहे हैं, क्योंकि यह उन सभी की लड़ाई है, जो अपनी शर्तें पूरी करने के बाद भी जेलों में बंद हैं.