पंजाबी इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेस की लिस्ट में शुमार सरगुन मेहता ने पुरुष वादी इंडस्ट्री में काम करने को लेकर बात की। सरगुन ने कहा कि एक औरत होने के नाते उस इंडस्ट्री में काम करना जो आदमियों के बनाए रूल्स से चलती है, बेहद मुश्किल होता है।
सरगुन मेहता
अपनी प्रतिभा से लाखों दिल जीतने वाली लोकप्रिय पंजाबी अभिनेत्री और निर्माता सरगुन मेहता अक्सर ही सुर्खियों में बनी रहती हैं। छोटे पर्दे से करियर की शुरुआत कर पंजाबी इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेस की लिस्ट में शुमार सरगुन मेहता अपने काम के की वजह से जानी जाती हैं। सरगुन सुनी सुनाई बातों पर विश्वास नहीं करतीं। अभिनेत्री हाल ही में दिलजीत दोसांझ के साथ बेबे भांगड़ा पौंडे में नजर आई हैं। वहीं, सरगुम ने पुरुष वादी इंडस्ट्री के कई राज खोले और बताया कि कैसे इंडस्ट्री में उन्हें लड़की होने की वजह से स्ट्रगल करना पड़ा।
सरगुन मेहता ने पुरुष वादी इंडस्ट्री में काम करने को लेकर बात की। सरगुन ने कहा, ‘एक औरत होने के नाते उस इंडस्ट्री में काम करना जो आदमियों के बनाए रूल्स से चलती है, बेहद मुश्किल होता है। कभी-कभी आपको हल्के में लिया जाता है। लेकिन मैं कोशिश करती हूं और इसे एक अच्छी चीज के रूप में देख सकूं। जब उन्हें लगता है कि मैं कुछ नहीं जानती और वो मुझे बहला लेंगे। लेकिन वह नहीं जानते में उनसे ज्यादा जानती हूं। मैं पूरी तैयारी के साथ आती हूं, जो उन्हें सरप्राइज कर देता है। उन्हें लगता है कि वह मुझे राइड पर लेकर जा सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है और मैं उन्हें अपने ज्ञान से मात दे देती हूं।’
इसके आगे सरगुन ने कहा, ‘मेरा विश्वास है कि जो कुछ भी आपको लगता है वह आपका कमजोर प्वाइंट है, उसे अपनी ताकत बना लेना चाहिए। इसलिए जब वे आपको हल्के में लें, तो आप उन्हें मजा चखा दो।’ सरगुम ने यह भी बताया कि मेल एक्टर्स के लिए भी चीजें समान हैं। उन्होंने कहा कि, ‘एक अलग तरीके से हो सकता है लेकिन उन्हें भी रास्ते में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसका कारण यह है कि हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां लोग आपको जीतते हुए नहीं देख सकते हैं।’
वह कहती हैं, ‘जब लोग सलाह दे रहे होते हैं तो मैं अपने कान बंद रखती हूं। यह अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है। मैं सलाह कैसे लेती हूं, यह बहुत अलग है। मैं वो हूं, जिसने काम करने के दौरान बहुत कुछ सीखा है। मैं एक एक्टर के रूप में काम करते हुए कई सवाल पूछती रहती हूं। मैं पिछले पांच वर्षों से अपनी बात रख रही हूं कि मैं इसे कैसे करना चाहती हूं। अब जब मैं अपनी प्रोड्यूस की गई फिल्म को देखती हूं कि क्या गलत हुआ या मैंने क्या बेहतर किया, तो मैं सवाल पूछती हूं। मुझे ऐसी सलाह पसंद नहीं है जो मुझे कहीं नहीं ले जा सकती हैं।