सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको ने रेकॉर्ड मुनाफा कमाया है। कंपनी ने 2022 में 161 अरब डॉलर से ज्यादा मुनाफा कमाया। यह दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रईस एलन मस्क की नेटवर्थ के लगभग बराबर है। सऊदी अरामको की स्थापना अमेरिकी कंपनी के रूप में हुई थी लेकिन सऊदी सरकार ने इसमें पूरी हिस्सेदारी खरीद ली।
companiesmarketcap.com के मुताबिक अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी एपल मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। उसकी मार्केट वैल्यू 2.353 ट्रिलियन डॉलर है। इस लिस्ट में सऊदी अरामको दूसरे नंबर पर है। उसका मार्केट कैप 1.933 ट्रिलियन डॉलर है। इस सूची में शामिल टॉप 10 कंपनियों में आठ अमेरिका की है। भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज इस लिस्ट में 50वें नंबर पर है। इसका मार्केट कैप 186.83 अरब डॉलर है। लेकिन प्रॉफिट के मामले में सऊदी अरामको पहले नंबर पर है। कंपनी ने पिछले साल 161.1 अरब डॉलर का प्रॉफिट कमाया जो दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रईस एलन मस्क की नेटवर्थ के बराबर है। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक मस्क की नेटवर्थ 165 अरब डॉलर है।
अमेरिका में हुई थी स्थापना
सऊदी अरामको दुनिया की सबसे बड़ी ऑयल प्रॉड्यूसर कंपनी है। इसकी स्थापना 1933 में अमेरिकी कंपनी के रूप में हुई थी और इसने 1938 में तेल निकालने की शुरुआत की थी। सऊदी सरकार ने 1973 में इसमें 25 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी और फिर 1970 के दशक के अंत में इसमें 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली। इसका हेडक्वार्टर भी अमेरिका से सऊदी शिफ्ट कर दिया गया। आज इस कंपनी के पास 261.1 अरब बैरल तेल भंडार है जो अमेरिका की कंपनी ExxonMobil से दस गुना ज्यादा है। यह कंपनी रोजाना 95.4 लाख बैरल तेल निकालती है। दुनिया में हर आठ बैरल में से एक बैरल तेल इस कंपनी का होता है। 2019 में यह कंपनी आईपीओ लाई थी।
इसकी शुरुआत अमेरिका में हुई थी लेकिन आज इसका सबसे बड़ा क्लाएंट अमेरिका नहीं बल्कि चीन है। सऊदी अरामको में 60 हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। इनमें से 51,653 सऊदी अरब के हैं। इसके साथ ही 77 देशों के 10,254 कर्मचारी भी इसमें काम करते हैं। कंपनी का कारोबार चीन, मिस्र, जापान, भारत, नीदरलैंडस साउथ कोरिया, सिंगापुर, यूएई, ब्रिटेन और अमेरिका में फैला है। यह तीन ट्रिलियन डॉलर का मार्केट कैप छूने वाली दुनिया की पहली कंपनी थी। लेकिन बाद में एपल ने इसे पछाड़ दिया।