सिरमौर जिला की करीब 3 लाख की आबादी वाले समूचे गिरिपार क्षेत्र को अनुसूचित जनजाति दर्जा दिए जाने की मांग पर आपत्ति जताते हुए गिरिपार अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति ने PM मोदी से इस बारे पुनर्विचार की मांग की। इस मुद्दे पर शुक्रवार को SDM संग्रह के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजे गए 5 पन्नों के ज्ञापन में समिति ने क्षेत्र की जातिगत अथवा सामाजिक हालात पर पुनर्विचार अथवा सर्वेक्षण करवाने की अपील की।
उन्होंने प्राइम मिनिस्टर से यहां शेडूल कास्ट के पंचायती राज व विधानसभा इलेक्शन मे आरक्षण व SC/ST Act जैसे कोंस्टीटूशनल राइट्स सुरक्षित रखने की भी मांग की। ज्ञापन देने से पहले विश्राम गृह परिसर संगड़ाह में हुई (SCASS) अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति की बैठक में यूनिट के अध्यक्ष एंव प्रधान परिषद संगड़ाह के महासचिव विनोद कुमार, सचिव सुनील कुमार तथा सोम प्रकाश, जगत सिंह, बलवीर, अमिता व कामरेड अमरचंद आदि पदाधिकारियों के अलावा आधा दर्जन पंचायतों के शेडूल कास्ट प्रतिनिधि मौजूद रहे।
बैठक में इस बात की भी चर्चा की गई की, गिरिपार की अधिकतर पंचायते विकास खंड शिलाई व संगड़ाह के अंतर्गत आती है, जहां बार-बार अनुसूचित जाति पर अत्याचार संबंधी मामले सामने आए हैं और जिंदान मर्डर केस जैसी घटनाएं हुई है। समिति पदाधिकारियों ने कहा कि, SC के साथ-साथ OBC को पंचायत चुनाव में मिलने वाला आरक्षण भी ट्रांसगिरि को शेडूल ट्राइब दर्जा मिलने पर समाप्त हो जाएगा तथा वर्तमान मे अनुसुचित जाति के लिए आरक्षित रेणुकाजी व पच्छाद विधानसभा क्षेत्र भी शेडूल ट्राइब आरक्षित अथवा परोक्ष रुप से अनारक्षित हो सकते हैं। समिति के पदाधिकारियों कहा कि, आगामी 11 जुलाई को जिला मुख्यालय नाहन में गिरिपार के अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा इस मुद्दे पर महासम्मेलन किया जा रहा है, जिसमें गिरीपार की लगभग सभी डेढ़ सौ के करीब पंचायतों से प्रतिभागी शामिल होंगे।