बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 3 गिरफ्तारियां की हैं। सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने विद्या ज्योति इंस्टीच्यूट डेरा बस्सी के रजिस्ट्रार रहे नरेश तरान के साथ ही एक महिला सोनिया और चंडीगढ़ स्थित आईसीएल नामक संस्थान से जुड़े प्रबंधक सतीश प्रभाकर को गिरफ्तार किया है। दोनों संथानों पर करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति हड़पने का आरोप है, ऐसे में दोनों संस्थानों के खिलाफ जल्द ही जांच पूरी कर सीबीआई अदालत में चालान पेश कर देगी। सीबीआई की अब तक की जांच के अंतर्गत 266 में से 28 निजी संस्थानों को घोटाले में संलिप्त पाया गया है। इसके तहत 28 में से करीब 13 संस्थानों की जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं जबकि 15 संस्थानों के खिलाफ जांच अभी जारी है।
छात्रवृत्ति घोटाले में कुछ बैंकों के अधिकारी व कर्मचारी भी जांच के दायरे में हैं, ऐसे में जल्द ही और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। जांच में सामने आया है कि छात्रवृत्ति हड़पने के लिए छात्रों की जाति तक को ही बदल दिया गया। संस्थान छोड़ चुके छात्रों को फर्जी तरीके से रिकॉर्ड में छात्र दर्शाया और विषय बदल कर छात्रवृत्तियां हड़पी गईं। यही नहीं, छात्रवृत्तियां हड़पने के लिए डे-स्कॉलर छात्र को होस्टलियर छात्र दर्शाया गया। छात्रवृत्ति हड़पने के लिए बैंकों में छात्रों के बैक खाते खोले गए और बाद में उनसे अपने स्तर पर ही राशि निकाल ली गई। कुछ संस्थानों ने उन छात्रों के दस्तावेजों को भी अपने पास रख लिया, जिनको काऊंसलिंग के बाद एडमिशन नहीं मिली।