School Uniforms In Porn: सेक्स शॉप पर स्कूल यूनिफॉर्म को बैन करना चाहती हैं ब्रिटिश छात्राएं, पॉर्नोग्राफी में इस्तेमाल के खिलाफ दायर की याचिका

School Uniform on Sex Shops : कैंपेन ग्रुप प्लान इंटरनेशनल यूके के 2018 में किए गए एक ऑनलाइन सर्वे में 14 से 21 साल की 1000 से अधिक महिलाओं और लड़कियों को शामिल किया गया था। सर्वे से पता चलता है कि एक तिहाई से अधिक लड़कियों को स्कूल यूनिफॉर्म पहने हुए सार्वजनिक रूप से यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।

 
school dress
प्रतीकात्मक फोटो
लंदन : ब्रिटेन के मैनचेस्टर शहर की स्कूली छात्राओं का एक समूह सरकार से स्कूल यूनिफॉर्म को पॉर्न वीडियो की कॉस्ट्यूम के रूप में बेचे जाने और अश्लील वीडियो में पहने जाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहा है। छात्राओं ने ब्रिटिश सरकार के सामने एक याचिका दायर की है जिस पर अब तक 13,400 लोगों ने साइन किया है। देश में राजनीतिक संकट के बीच यह याचिका सरकार के जवाब का इंतजार कर रही है क्योंकि ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन इस्तीफा दे चुके हैं और टोरी पार्टी में फेरबदल चल रहा है।

एएनआई की खबर के अनुसार, यौन हिंसा के मामलों के खिलाफ इस याचिका की शुरुआत सैंडबैक हाई स्कूल में एक फैमिनिस्ट ग्रुप की तरफ से की गई थी। ग्रेड 11 की छात्रा एलिस, बदला हुआ नाम, ने कहा, ‘स्कूल से आते-जाते वक्त, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में जब हम अपनी स्कूल यूनिफॉर्म में होते हैं तो हमें यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। हमने सोचा कि क्यों लोग इतने आराम से स्कूली बच्चों का यौन उत्पीड़न करते हैं और हमें इतना असहज महसूस कराते हैं।’

स्कूल यूनिफॉर्म में एक तिहाई लड़कियां यौन उत्पीड़न का शिकार
समूह के सदस्यों ने सांसदों को भी पत्र लिखे हैं लेकिन अभी तक उन्हें सिर्फ स्कूल के लोकल काउंसलर जेम्स बार्बर का समर्थन मिला है। कैंपेन ग्रुप प्लान इंटरनेशनल यूके के 2018 में किए गए एक ऑनलाइन सर्वे में 14 से 21 साल की 1000 से अधिक महिलाओं और लड़कियों को शामिल किया गया था। सर्वे से पता चलता है कि एक तिहाई से अधिक लड़कियों को स्कूल यूनिफॉर्म पहने हुए सार्वजनिक रूप से यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। ब्रिटेन के ज्यादातर स्कूलों में छात्रों को 16 साल की उम्र तक यूनिफॉर्म पहनना जरूरी है।

‘कॉस्ट्यूम के अश्लील नाम हैं असल समस्या’
वयस्क छात्रा के रूप में हैना अब स्कूल यूनिफॉर्म नहीं पहनती हैं और कहती हैं कि जब से उन्होंने स्कूल में घर के कपड़े पहनना शुरू किया है तब से उन्होंने ‘उत्पीड़न में कमी’ को महसूस किया है। हैना के अनुभव को प्लान इंटरनेशनल यूके के शोध में शामिल किया गया है जिसमें पाया गया कि ‘लड़कियों को महसूस होता है कि स्कूल की यूनिफॉर्म में होना उन्हें एक खास टारगेट बना देता है।’ फैमिनिस्ट ग्रुप की स्थापना 2012 में टीचर सारा मेल ने की थी। मेल ने कहा कि सेक्स शॉप को टारगेट करने के पीछे का इरादा वयस्कों को यह बताना नहीं है कि वे बेडरूम में क्या करें और क्या नहीं, बल्कि इसका मकसद कॉस्ट्यूम के अश्लील नामों का विरोध करना है, जैसे- ‘सेक्सी स्कूलगर्ल लिंगरी’।