वैज्ञानिकों ने खोजा सबसे कम घनत्व वाला नर्म मुलायम बाह्यग्रह

लाल तारे के इतना पास ऐसा ग्रह (Exoplanet) मिलना कुछ अजीब से बात लग रही है. (तस्वीर: Wikimedia Commons)

लाल तारे के इतना पास ऐसा ग्रह (Exoplanet) मिलना कुछ अजीब से बात लग रही है.

खगोलविदों को एक चौंकाने वाली खोज में ऐसा बाह्यग्रह मिला है जिसका घनत्व बहुत कम (low Density Exoplanet)  है. इसे अब तक के खोजे गए लाल बौने (Red Dwaft) का चक्कर लगाने वाले बाह्यग्रहों में सबसे कम घनत्व वाला पिंड पाया गया है. शोधकर्ताओं ने इस बहुत ही नर्म और मुलायम बताते हुए इसकी तुलना मशरूमेलौ (Fluffy Mashroommellow) से की है. लेकिन केवल इस अनोखेपन की ही वजह से यह खोज विशेष नहीं मानी जा रही है. इसका मतलब है कि बौने तारों पास इस तरह के गैसे के आवरण वाले ग्रह भी मौजूद हो सकते हैं. इससे बाह्यग्रहों की आवसीयता को और बेहतर समझने में वैज्ञानिकों को मदद मिल सकेगी.

ऐसे ग्रहों के साथ समस्या
खगोलविद अभी तक माना करते थे कि लाल बौनों के पास के ग्रहों के वायुमडंल के अधिकांश हिस्सों को उनके तारे खींच कर खत्म कर देते हैं. और चूंकि वायुमडंल की उपस्थिति किसी ग्रह पर जीवन के पनपने के लिए जरूरी शर्त है, यह खोज निश्चित तौर पर लाल बौने तारों का चक्कर लगा रहे ग्रहों की आवासीयता के बारे मे हमारी समझ में बदलाव कर देगी.

इतने पास नहीं मिलते ऐसे ग्रह
कार्नेगी इंस्टीट्यूशन फॉर साइंस अर्थ एंड प्लैनेट लैबोरेटरी के ग्रह खगोलविद शुभम कनोडिया का कहना है कि लाल बौने तारों के पास के विशाल ग्रहों के बारे में परंपरागत रूप से माना जाता है कि वे बहुत मुश्किल से बनते हैं. अभी तक डॉपलर सर्वे से केवल छोटे से नमूनों का ही अवलोकन किया गया है जिसमें विशाल ग्रह पाए गए हैं, लेकन वे अपने लाल बौनों से दूर हैं. अब तक उनके पास ग्रहों का विशाल नमूना नहीं हैं जिससे इस तरह का पास का गैसीय ग्रह खोजा जा सके.

दिखाई नहीं देते ये तारे
लाल बौने तारे हमारी गैलेक्सी मिल्की वे में सबसे ज्यादा संख्या के तारे हैं. वे बहुत ही छोटे और धुंधले होते हैं. यहां तक कि एक भी ऐसा तारा पृथ्वी पर नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता है. जबकि गैलेक्सी के 73 प्रतिशत तारे इसी श्रेणी के तारे हैं. ये तारे बहुत छोटे होते हैं और धीमे जलते हैं

Science, space, Exoplanet, Red Dwarf, Red Dwarf Star, Gas Giant, Habitability of Planet,

लाल बौने तारे (Red Dwarf) के पास इस तरह का ग्रह होना संभव नहीं होता है. (तस्वीर: Wikimedia Commons)

समस्या और चुनौती
लाल बौने सूर्य जितने गर्म नहीं होते हैं और उनकी उम्र काफी लंबी होती है. जहां सूर्य केवल 10 अरब साल की उम्र का तारा है, वहीं लाल बौने खरबों साल तक जीते हैं.  इसका एक  मतलब यही है कि जीवन इन तारों के आसपास कभी ना कभी कहीं ना कहीं जरूर पनप सकता है. लेकिन इनके पास से शक्तिशाली ज्वालाएं निकलती हैं जिससे पास के ग्रह की वायुमंडल खाली हो सकता है.

अपवाद की तरह है यह खोज
लाल बौने तारे काफी ठंडे होते हैं इसलिए इनके ग्रहों में इतना तापमान नहीं होताहै कि वहां जीवन पनप सके. इसलिए ग्रह को तारे के पास होना होता है जिससे ज्वालाएं ग्रह तक गर्मी पहुंचा सकें और यह वायुमंडल के लिए समस्याकारक हो जाता है. लेकिन नई खोज बताती है कि ऐसा जरूरी नहीं है. TOI-3757b नाम का यह ग्रह गैसीय विशाल ग्रह है ज ऑरिगा तारामंडल में करीब 580 प्रकाशवर्ष की दूरी पर है.

Science, space, Exoplanet, Red Dwarf, Red Dwarf Star, Gas Giant, Habitability of Planet,

लाल बौने तारे (Red Dwarf) से निकलने वाली ज्वालाएं पास के ग्रह के वायुमंडल को खत्म कर देती हैं. (तस्वीर: Wikimedia Commons)

नासा के टेलीस्कोप ने की खोज
TOI-3757b की खोज नासा के TESS स्पेस टेलीस्कोप के द्वारा खोजा गया था. TESS का काम बाह्यग्रहों की खोज करना ही है. यह टेलीस्कोप सुदूर तारों के नियमित रोशनी में आए बदलावों का अध्ययन करती है जिससे पता चलता है कि कोई ग्रह तारे और हमारे बीच में आकर तारों की रोशनी को विकृत करता है. इस रोशनी की बदलाव के समय और अन्य विशेषताओं से ग्रह की कई जानकारी मिल पाती है.  पाया गया है कि TOI-3757b गुरु ग्रह से ज्यादा बड़ा है

TOI-3757b का भार पृथ्वी से 85 गुना ज्यादा है जहां गुरु ग्रह का घनत्व 1.33 ग्राम प्रति वर्ग सेमी है , वहीं TOI-3757b का घनत्व केल 0.27 प्रति वर्ग सेमी है. जो उसे बहुतही मुलायम और नर्म ग्रह बनाता है. ऐसे में हैरान की बात यही है कि इतना मुलायम ग्रह तारे के इतने पास बन कैसे गया. अब शोधकर्ताओं को लगता है कि वे उन्हें इस तरह के और ग्रह भी मिल सकते हैं.