SCO Summit: कोई ऐसा सगा नहीं, चीन ने जिसे ठगा नहीं: समरकंद में ‘परम मित्र’ पुतिन भी समझ गए यह बात

China-Russia Relation News: एससीओ सम्मेलन में चीन ने रूस को लेकर एक ऐसी चिंता जता दी है जो उसकी पुरानी फितरत बता रही है। दरअसल, चीन की चालबाजी का इतिहास काफी पुराना है। भारत हो या चीन के दूसरे पड़ोसी देश हर जगह चीन की दांव चलता है। इसबार उनसे अपने ‘परम मित्र’ रूस को दगा दे दिया है।

putin xi jinping

चीन ने रूस को भी दे दिया दगा!

नई दिल्ली: कुछ दिन पहले तक चीन और रूस की दोस्ती दांत कटी रोटी वाली बताई जा रही थी। मसला कोई भी हो ड्रैगन रूस के साथ दिखाई दे रहा था। लेकिन वो चीन ही क्या जो चाल न चले। वैसे भी चीन के बारे में एक्सपर्ट कहते रहे हैं कि कोई ऐसा सगा नहीं, जिसे चीन ने ठगा नहीं। अबतक यूक्रेन युद्ध पर मॉस्को के साथ दिख रहे चीन को अब रूस की नीयत में खोट नजर आ रही है। अपनी हरकतों से दुनिया को ठेंगा दिखाने वाले चीन को अब रूस पर शक हो रहा है। शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की बैठक में खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने माना है कि चीन ने यूक्रेन को लेकर रूस से चिंता जताई है।

रूस भी समझ गया होगा!
दरअसल, जिस चीन से रूस गलबहियां कर रहा था उसकी फितरत अब मॉस्को भी समझ गया होगा। दुनिया पर राज का सपना देख रहे चीन ने हर किसी ठगा है। ड्रैगन के किसी भी पड़ोसी के साथ रिश्ते ठीक नहीं हैं। ताइवान हो, मलेशिया, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान हो चीन का किसी भी पड़ोसी देश के साथ रिश्ते सहज नहीं है। दरअसल, जो भी चीन के इतिहास को जानते हैं उन्हें पता है कि चीन दोस्ती कम चाल ज्यादा चलने के लिए जाना जाता है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन को भी ये बात समझ में आ गई होगी।

रूस को भी दे दिया धोखा!
यूक्रेन युद्ध के पहले तक चीन का रूस के साथ दोस्ती दांत कटी रोटी वाली थी। दरअसल, उस वक्त रूस को भी अपने एनर्जी एक्सपोर्ट के लिए एक बड़े बाजार की जरूरत थी। लेकिन जिस तरह से यू्क्रेन पर अब चीन ने यू-टर्न ले लिया उससे रूस भी स्तब्ध है। वैसे विशेषज्ञ चीन की इस फितरत को नया नहीं मान रहे हैं। भारत के साथ चीन का धोखे का इतिहास किसी से छिपा नहीं है।

समरकंद में चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग के साथ राष्ट्रपति पुतिन

समरकंद में चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग के साथ राष्ट्रपति पुतिन

पड़ोसियों से चीन के रिश्ते जगजाहिर
दरअसल, चीन के कभी भी अपने पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते नहीं रहे हैं। भारत, ताइवान, मलेशिया समेत कई पड़ोसी देशों के साथ उनके तनावपूर्ण रिश्ते रहे हैं। रूस के साथ चीन की दोस्ती भी अब शर्तों के साथ दिख रही है। चूंकि रूस दुनिया की महाशक्ति है तो चीन उसकी मुखालफत तो सीधे नहीं कर सकता लेकिन यूक्रेन पर चिंता जताकर उसने रूस को एक तरीके से अंतरराष्ट्रीय मंच पर घेर ही लिया है। भारत के साथ गलवान घाटी में संघर्ष के बाद स्थिति पिछले दो साल से तनावपूर्ण हैं। लद्दाख में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं।

श्रीलंका को कर्ज के जाल में डूबो दिया!
चीन ने श्रीलंका को अपने कर्ज के जाल में ऐसे फंसाया है कि भारत का यह पड़ोसी देश बुरी गति में पहुंच गया है। आज वहां खाने के लाले पड़ गए हैं। चीन की चालाकियों का खामियाजा लंका तो भुगत ही रहा है वहां लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

तो रूस चीन पर भरोसा कर गलती कर गया?

वैसे तो युद्ध का कोई भी समर्थन नहीं करता है। इससे जन-धन की बड़े पैमाने पर हानि होती है। जिस देश पर हमला होता है वहां की अर्थव्यवस्था दशकों पीछे चली जाती है। ऐसे में यूक्रेन युद्ध का तो समर्थन नहीं किया जा सकता है। लेकिन जब बात दोस्ती की आती है तो ये माना जाता है कि खराब और अच्छे दोनों समय में दोस्त खड़ा रहता है। लेकिन चीन भला अपनी फितरत कहां छोड़ने वाला था। जब रूस यूक्रेन पर दुनियाभर में घिरा है तो चीन ने भी मॉस्कों पर सवाल उठा दिए।