स्क्रब टायफस ने पसारे पांव, रोजाना इक्का-दुक्का लोग पीलिया से भी ग्रसित

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) के अनुसार स्क्रब टाइफस एक बीमारी है जो ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी बैक्टीरिया के कारण होती है। लोगों में यह संक्रमित चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने से फैलता है। इसे बुश टाइफस के नाम से भी जाना जाता है। यह एक वेक्टर जनित बीमारी है। यह समय के साथ सेंट्रल नर्वस सिस्टम, कार्डियो वस्कुलर सिस्टम, गुर्दे, सांस से जुड़ी और गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल सिस्टम को प्रभावित करता है। कई मामलों में मल्टी ऑर्गन फेल्योर से रोगी की मौत भी हो सकती है।

क्या है स्क्रब टायफस के लक्षण?

इसके लक्षणों में बुखार और ठंड लगना शामिल है। इसके बाद सिरदर्द, शरीर में दर्द और मांसपेशियों में दर्द होता है जैसा कि कोविड के मामले में होता है- 19. हालांकि, एक स्क्रब टाइफस रोगी कोविड -19 के कई मामलों के विपरीत गंध और स्वाद बना रहता है। कुछ रोगियों में जोड़ों में दर्द भी होता है, जो चिकनगुनिया का लक्षण है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि बीमारी का शुरुआती स्तर पर पता लगना बहुत जरूरी है। सीडीसी का कहना है कि अगर कोई स्क्रब टाइफस से संक्रमित हो जाता है, तो व्यक्ति को एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन से इलाज करना चाहिए। एजेंसी के अनुसार, जिन लोगों का डॉक्सीसाइक्लिन के साथ जल्दी इलाज किया जाता है, वे आमतौर पर एक सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं।

क्या स्क्रब टाइफस के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध है?

सीडीसी के अनुसार, स्क्रब टाइफस को रोकने के लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं है। सीडीसी के अनुसार एजेंसी का कहना है कि यह संक्रमण उन जगहों पर जाने से बचना चाहिए जहां यह स्क्रब टायफस आम है। यह कीड़ा घास, पौधों या ज्यादा नमी वाले स्थानों पर होता है।

भारत के अलावा यह बीमारी कहां-कहां है?

भारत के अलावा इंडोनेशिया, चीन, जापान और उत्तरी ऑस्ट्रेलिया के ग्रामीण इलाकों से स्क्रब टाइफस के मामले सामने आए हैं।