Rajasthan news : जोधपुर में चिंरजीवी योजना के संबंध में गलत जानकारी देने के मामले में आक्रामक हुई दिव्या मदरेणा सोशल मीडिया पर चर्चा बटोर रही है। उनके इस रवैये की अब सांसद जयंत सिंह ने भी तारीफ की है।
जयपुर: कांग्रेस की तेज तर्रार विधायक दिव्या मदेरणा के आक्रामक तेवर से प्रदेशभर में उनकी तारीफ हो रही है। आमजन और सामाजिक संगठन दिव्या को सोशल मीडिया पर लगातार बधाइयां दे रहे हैं। इसी बीच राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद जयंत सिंह ने भी दिव्या की तारीफ की है। जयंत सिंह ने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि आपकी सक्रियता को नमन दिव्या जी। भ्रष्टाचार, जागरूकता की कमी, और लाभार्थियों के साथ कम जुड़ाव के कारण सरकारी योजनाएं विफल हो रही हैं। एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के रूप में आप जनता के लिए खड़े हैं। दिव्या को लिखा यह ट्वीट अंग्रेजी भाषा है, जिसके जरिए जयंत सिंह ने उनका अभिवादन जताया है। जवाब में दिव्या ने भी रिप्लाई कर आभार जताया है।
सोशल मीडिया पर दिव्या का अंदाज किया जा रहा पसंद
दरअसल जोधपुर के एक निजी अस्पताल की ओर से चिरंजीवी योजना के तहत इलाज नहीं करने पर दिव्या आक्रामक मूड में आ गई। वे श्रीराम अस्पताल में धरने पर बैठ गई। आखिर में श्रीराम अस्पताल में भर्ती मरीज की मुफ्त एंजियोग्राफी की गई। दरअसल दिव्या ने चिरंजीवी योजना में शामिल योजना को योजना से बाहर बताए जाने पर गुस्सा जाहिर किया था।
इतना ही नहीं घटना के संबंध में जानकारी मिलने के बाद दिव्या ने अस्पताल के साथ जिला प्रशासन को भी इस मुद्दे पर आड़े हाथों लिया। वे लगातार जोधपुर जिला कलेक्टर पर सवाल खड़े कर रही थी। साथ ही गरीब मरीजों को चिरंजीवी योजना का लाभ नहीं दिए जाने पर निजी अस्पताल प्रशासन को दिव्या ने मेडिकल माफिया तक करार दे दिया। दिव्या ने माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके बाद जिला कलेक्टर की ओर से लगातार चुप्पी साधने पर उन्हें भी टारगेट किया गया है।
दिव्या ने जोधपुर कलेक्टर को दी खुली चुनौती
दिव्या ने जोधपुर कलेक्टर हिमांशु गुप्ता को खुली चुनौती दे डाली है। दिव्या ने ट्वीट करते हुए लिखा कि जिला कलेक्टर या तो मुझे गलत साबित करें या अपनी गलती स्वीकार करें। उन्होंने कहा कि श्रीराम अस्पताल के डायरेक्टर और निजी मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने विधायक, एसडीएम, एडीएम, पुलिस, मीडिया और आमजन के सामने यह कहा था कि एंजियोप्लास्टी चिरंजीवी योजना के अंतर्गत नहीं आता है। जबकि उनके हिसाब से एंजियोप्लास्टी का इलाज चिरंजीवी योजना के अधीन है।
दिव्या ने जिला कलेक्टर को खुली चुनौती देते हुए कहा कि मुझे गलत साबित करें या स्वीकार करें कि उनकी बड़ी गलती हुई है और निजी मेडिकल एसोसिएशन ने झूठ बोला है। दिव्या का कहना है कि अपनी फ्लैगशिप योजना अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए सरकार करोड़ों रुपए विज्ञापनों पर खर्च करती है ताकि लोगों को उपचार का लाभ सके। लेकिन कलेक्टर की घोर लापरवाही के कारण एक झूठ आग की तरह फैल गया कि हार्ट में स्टंट लगाना चिरंजीवी योजना में शामिल नहीं है।