प्रदेश का जिला हमीरपुर शिक्षा के क्षेत्र में प्रथम स्थान पर है यानी शिक्षा के क्षेत्र में जिला हमीरपुर ने बुलंदियों को छुआ है प्रदेश के दूसरे जिलों से भी विद्यार्थी यहां पर शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी हमीरपुर में स्कूल की हालत ऐसी होगी आप यकीन नहीं करेंगे कि देश का भविष्य बिना अध्यापकों के ही जर्जर स्कूलों में पढ़ रहा है तो आप ही बताइये कि आने वाले भविष्य के ये वच्चे कैसे शिक्षा ग्रहण करेंगे जी हां, उपमंडल भोरंज के राजकीय प्राथमिक विद्यालय लझयांनि में 5 कक्षाएं एक ही कमरे में पिछले कई सालों से चलाई जा रहीं हैं और वह कमरा भी जर्जर हालत में है और कभी भी गिर सकता है।
यह कमरा भी अंग्रेजों के जमाने का बना है बच्चों की जान जोखिम में डालकर बच्चों को वहां बैठाया जा रहा है।स्कूल मैं 21 वच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैँ हैरान कर देने वाली बात यह है कि पिछले लम्बे समय से एक हि अध्यापिका पांच कक्षाओ को पढ़ा रही थी लेकिन उनकी पद्दोन्नति होने से कोई अध्यापक स्कूल मैं नहीं है बिन अध्यापक के ही स्कूल चल रहा है पिछले दो महीने से एक अध्यापक डेपुटेशन पर पांच कक्षाओं को पढ़ा रहा है पिछले कल ही यहाँ अब एक मुख्यध्यापिका ने जवाइन किया है लेकिन सवाल यही है कि क्या एक अध्यापक पांच कक्षाओं को कैसे पढ़ायेगा ओर वो भी एक जर्ज़र कमरे में ।
पिछले कल नई अध्यापिका ने वच्चों को जर्ज़र कमरे से उठाकर जो एक कमरा नर्सरी के लिए बनाया है बहा वच्चो को शिफ्ट किया है |इसी कमरे में स्कूल का सामान भी रखा हुआ है कमरे की हालत देखकर कोई नहीं कह सकता की यहां वच्चे पढ़ रहे है |
उधर डिप्टी डायरेक्टर एलिमेंट्री एजुकेशन हमीरपुर संजय ठाकुर का कहना है कि स्कूल अध्यापक के पद रिक्त पड़े हैं अभी अध्यापकों की अपॉइंटमेंट होने वाली है शीघ्र ही स्कूल में अध्यापक तैनात किए जाएंगे। और कमरे की डिमांड उच्च अधिकारियों को मई महीने में भेजी गई है करीब 1 कमरे के लिए साढे पांच लाख रुपय की डिमांड भेजी गई है और शीघ्र ही कमरे का निर्माण किया जाएगा |