देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच इससे बचाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। देश में पिछले एक सप्ताह से कोरोना के डेली केस 5 हजार से अधिक दर्ज किए जा रहे हैं। हालांकि, राहत की बात है कोरोना से मरने वालों की संख्या काफी कम है। ऐसे में ऐहतियात बरतना जरूरी है।
दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 20% के पार
दिल्ली में 24 घंटों में कोविड-19 के 699 केस सामने आए हैं। एक दिन में चार मौतें सामने आई हैं। हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, इनमें से तीन मौतों का प्राथमिक कारण कोविड-19 नहीं था, टेस्ट करने पर संक्रमण पाया गया। वहीं, एक मामले में मौत की प्राथमिक वजह कोविड-19 संक्रमण पाई गई है। पिछले एक हफ्ते में पहली बार मौत का प्राथमिक कारण कोराना वायरस बताया गया है। कोविड-19 का संक्रमण दर 21.15% रहा और एक्टिव केस 2460 हैं। पिछले कुछ दिनों से शहर में कोविड के मामले और संक्रमण दर तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।
24 घंटे में करीब 700 केस
दिल्ली की 9 अप्रैल की हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 467 मरीज ठीक हुए हैं। शनिवार को दिल्ली में 3305 टेस्ट किए गए और कोरोना के 699 केस पॉजिटिव निकले। इनमें से 2399 टेस्ट आरटीपीसीआर/ CBNAAT/ ट्रू NAT और 906 रैपिड एंटीजेन टेस्ट हैं। बुलेटिन के मुताबिक दिल्ली के कोविड-19 अस्पतालों में कोविड के लिए 7939 बेड हैं, जिनमें से 136 बेड में मरीज हैं। कोविड केयर सेंटर में 75 बेड हैं और सभी खाली हैं । कोविड हेल्थ सेंटर में 118 बेड हैं, सभी खाली हैं। दिल्ली में अभी होम आइसोलेशन में 1634 मरीज हैं। वहीं, शनिवार दिल्ली में 124 लोगों को वैक्सीन दी गईं। एक दिन पहले कोविड-19 के 535 केस, संक्रमण दर 23.05% सामने आए थे।
एम्स झज्जर में रहेंगे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
आने वाले दिनों में अगर अस्पतालों पर दबाव बढ़ता है तो उसके लिए कितनी तैयारी गई है, इसका आकलन करने के लिए देश भर के अस्पतालों में 10 और 11 अप्रैल को मॉक ड्रिल की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया सोमवार को सुबह एम्स, झज्जर में जाकर तैयारियों को देखेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से भी कहा गया है कि वे अपने राज्यों में कोविड की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं एवं इंफ्रास्ट्रक्चर देखें। अस्पतालों में दवाईयों का स्टॉक चेक किया जाएगा। कोविड बेड्स की स्थिति को देखेंगे। ऑक्सिजन व आईसीयू बेड्स की स्थिति की भी समीक्षा होगी।
2022 में भी इस तरह की मॉक ड्रिल हुई थी
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि दिसंबर 2022 में भी इस तरह की मॉक ड्रिल हुई थी। उस समय देश भर के 20 हजार से ज्यादा अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज, प्राइमरी हेल्थकेयर सेंटर, कम्यूनिटी हेल्थ सेंटरों में मॉक ड्रिल हुई थी। मॉक ड्रिल में यह देखा जाएगा कि अस्पतालों में जितने मरीज आ रहे हैं, उस हिसाब से कोविड बेड्स का इंतजाम है या नहीं? साथ ही आने वाले दिनों में अगर मरीज बढ़ते हैं तो उस हिसाब से कितने कोविड बेड्स की व्यवस्था की जा सकती है? अस्पताल में कितने ऑक्सिजन व आईसीयू बेड्स हैं और समीक्षा के बाद अस्पताल में कोविड बेड्स, ऑक्सिजन या आईसीयू बेड्स बढ़ाने के बारे में निर्देश भी जारी किए जा सकते हैं। अस्पतालों में कितने उपकरण फंक्शनल हैं, कितने वेंटिलेटर्स चल रहे हैं, पीएसए प्लांटस कितने चालू हैं, ऑक्सिजन सिलेंडर में से कितने प्रतिशत फंक्शनल, ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर्स में से कितने ठीक हैं, यह सब देखा जाएगा। डॉक्टर्स, स्टाफ की क्या स्थिति है, इसकी भी समीक्षा की जाएगी।
दवाओं का स्टॉक भी चेक होगा
मॉक ड्रिल में दवाईयों के स्टॉक का खास तौर पर चेक किया जाएगा। कोविड मरीजों के इलाज में काम आने वाली दवाईयों के स्टॉक की चेकिंग होगी। अगर किसी अस्पताल में दवा की कमी पाई जाती है तो प्रशासन को तुरंत प्रभाव से दवाईयों के स्टॉक की कमी को दूर करने के दिशा- निर्देश दिए जाते हैं। पैरासीटामोल, एजिथ्रोमाइसन, डॉक्सीसाइक्लीन समेत हर तरह की दवाईयों के स्टॉक को चेक किया जाएगा। इसी तरह से इन अस्पतालों में लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस, एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस को भी चेक किया जाएगा।