भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में शनिवार को हुई पासिंग आउट परेड के बाद सेना को 288 युवा अफसरों की जांबाज टोली मिल गई। इनमें 13 जवान हिमाचल प्रदेश के हैं।
सोलन जिले के हर्षित चौहान भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। शनिवार को आईएमए देहरादून में हुई पासिंग आउट परेड के बाद हर्षित विधिवत रूप से भारतीय सेना का हिस्सा बने। इस मौके के गवाह हर्षित की मां शांता चौहान, पिता ध्यान सिंह चौहान के अलावा दादा नताराम चौहान, चाचा सेवानिवृत्त नायब सूबेदार भवान सिंह चौहान, बुआ तारा तोमर और उनका बेटा विवान तोमर भी बने। बेटे के बंधे पर सितारे लगाते माता-पिता भावुक हो गए। हर्षित एक जुलाई से आर्मी की बांबे इंजीनियर रेजिमेंट में सेवाएं देंगे।
सूर्यांश बने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट
घुमारवीं उपमंडल के मरहाणा (बप्या) गांव के स्वतंत्रता सेनानी स्व. शेर सिंह के परिवार से संबंध रखने वाले सूर्यांश ठाकुर सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। सूर्यांश के पिता संजीव ठाकुर भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त हुए हैं। वह वर्तमान में कांगड़ा सहकारी बैंक में सहायक मैनेजर हैं। माता लता ठाकुर मिनर्वा सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल घुमारवीं में अध्यापिका हैं। छोटी बहन 12वीं कक्षा में पढ़ रही है। सूर्याश के ताया कुलदीप सिंह आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर कार्यरत हैं।
उनके दोनों बेटे अचिंत और सक्षम भी आर्मी ऑफिसर हैं। सूर्याश की प्रारंभिक शिक्षा नेवी चिल्ड्रन स्कूल कोलाबा, मुंबई में हुई है। आगे की पढ़ाई के लिए उनका चयन सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा में हो गया। सूर्यांश ने जमा दो की परीक्षा के साथ एनडीए की परीक्षा दी। एनडीए की परीक्षा उन्होंने अपने स्कूल में टॉपर रहते हुए आल इंडिया में 47वां रैंक हासिल करके उत्तीर्ण की। तीन वर्ष नेशनल डिफेंस अकादमी खड़गवासला पुणे और एक वर्ष इंडियन मिलिट्री में लगाया। सूर्यांश ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों और दोस्तों को दिया है।
नाहन के शिक्षक माता-पिता को बेटे ऋत्विक पासी की कामयाबी पर नाज
शहर के 21 वर्षीय ऋत्विक पासी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। बीते शनिवार को देहरादून में नौशेरा कंपनी के जेंटलमैन कैडेट के तौर पर ऋत्विक पासआउट हुए हैं। फाइनल टर्म में उन्हें नौशेरा कंपनी का सीनियर अंडर ऑफिसर भी चुना गया। लेफ्टिनेंट ऋत्विक के पिता कमल पासी और माता सीमा पासी को अपने लाडले की इस कामयाबी पर नाज है। माता-पिता पेशे से शिक्षक हैं।
देश को 288 युवा सैन्य अधिकारी मिले हैं। इनमें केवल 9 जेंटलमैन कैडेटस हैं, जिनका चयन स्पेशल फोर्सिज के लिए हुआ है। इनमें एक नाहन के 21 वर्षीय ऋत्विक पासी भी हैं। गौरतलब है कि शनिवार को पासिंग आउट परेड की दक्षिण-पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह ने सलामी ली। ऋत्विक ने यूपीएससी की एनडीए और एसएसबी में 2017-18 के बैच में देश भर में 161वां रैंक हासिल किया था। 2018 में एनडीए को ज्वाइन किया था। एनडीए में ऋत्विक लीमा स्क्वाड्रन और शानदार स्कोर के साथ पास आउट हुए थे। 2021 में वह आईएमए देहरादून पहुंचे।
लेफ्टिनेंट बनकर हर्ष ने पूरा किया पिता का सपना
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय धर्मशाला में चीफ फार्मास्स्टि के पद पर कार्यरत संदीप शर्मा के बेटे हर्ष शर्मा ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर पिता के सपने को साकार किया है। पांच अक्तूबर, 2000 को शाहपुर के संदीप शर्मा के घर पैदा हुए हर्ष शुरू से पढ़ाई में आगे थे। संदीप ने पांचवीं तक पढ़ाई निजी स्कूल में करवाने के बाद सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाई।
बेटे ने पहले प्रयास में परीक्षा पास कर सैनिक स्कूल में प्रवेश पाया। पहले ही मौके में एनडीए की परीक्षा पास कर पिता के सपनों को पंख लगा दिए। लेफ्टिनेंट हर्ष शर्मा की माता सुनीता शर्मा टांडा मेडिकल कॉलेज में वार्ड सिस्टर हैं। संदीप शर्मा ने कहा कि उनके परिवार का हर्ष पहला सदस्य है, जो भारतीय सेना में सेवाएं देगा। भारतीय सेना में रहकर देश की सेवा करने को मौका हर किसी को नहीं मिलता है।
सरकाघाट के केतन मराठा रेजिमेंट में देंगे सेवाएं
सरकाघाट की पपलोग पंचायत के कराड़ी गांव के केतन पटियाल ने दिवंगत दादा का सपना साकार किया है। वह सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। देहरादून में हुई पासिंग आउट परेड में पिता अशोक पटियाल और माता प्रोमिला पटियाल ने केतन के कंधों पर स्टार लगाए। केतन अब फर्स्ट लाइट मराठा इन्फेंट्री रेजिमेंट अरुणाचल में सेवाएं देंगे। केतन ने वर्ष 2018 में अखिल भारतीय स्तर की एनडीए परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके बाद सेना अकादमी खड़गवासला से डिग्री प्राप्त की। यहां से आईएमए देहरादून में एक वर्ष के सैन्य अधिकारी के प्रशिक्षण के लिए भेजा गया।
उन्होंने प्रशिक्षण में 377 जेंटलमैन कैडेट्स की पासिंग आउट परेड में ऑर्डर ऑफ मेरिट में तीसरा स्थान प्राप्त किया। उत्कृष्ट प्रदर्शन पर लेफ्टिनेंट जनरल ने विशेष रूप से प्रेसिडेंट कांस्य पदक से पुरस्कृत किया। केतन की दसवीं तक शिक्षा सरकाघाट के निजी विद्यालय में हुई। जमा एक की पढ़ाई सरकारी स्कूल सरकाघाट में हुई, जबकि जमा दो की शिक्षा सरकाघाट के निजी स्कूल से पूरी की। केतन की माता प्रोमिला पटियाल शिक्षिका हैं। पिता अशोक पटियाल निजी व्यवसाय करते हैं।