राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन किए। उनका वृंदावन आगमन भक्ति भावना से भरपूर रहा। इस दौरान उनका सादगी भरा अंदाज देखने को मिला।
सोमवार को ठाकुर बांकेबिहारी महाराज की शरण में आए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बहुत ही सरल भाव में दिखे। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन करने के बाद जब वह कृष्णा कुटीर जा रहे थे तो इस दौरान मार्ग में गांव कीकी के नगला के चौराहे पर मौजूद ग्रामीणों की भीड़ को देखकर उन्होंने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए काफिला रुकवा लिया।
इस दौरान राष्ट्रपति अपनी गाड़ी से बाहर निकल आए। गाड़ी से बाहर निकलते ही वहां मौजूद लोगों ने राधे-राधे के जयकारे लगाने शुरू कर दिए। यह देख राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। कुछ पल रुकने के बाद राष्ट्रपति गाड़ी में बैठकर कृष्णा कुटीर चले गए।
निराश्रित महिलाओं से मिले राष्ट्रपति
कृष्णा कुटीर में निराश्रित माताओं ने तिलक लगाकर राष्ट्रपति का स्वागत किया। राष्ट्रपति आश्रय सदन में करीब एक घंटे तक रहे। उन्होंने माताओं से संवाद किया। उनके दुख-दर्द को जाना। इस दौरान कई महिलाओं के आंसू छलक आए। राष्ट्रपति भी भावुक हो गए। उन्होंने महिलाओं को ढांढस बंधाया।
दोपहर एक बजे दिल्ली हुए रवाना
राष्ट्रपति का सोमवार सुबह 9.45 पर वृंदावन में आगमन हुआ। उससे पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां आ चुके थे। हेलीपैड पर राष्ट्रपति का स्वागत राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया। राष्ट्रपति का निर्धारित कार्यक्रम 9.45 बजे से लेकर 12.15 तक था, लेकिन कृष्णा कुटीर में उन्होंने अधिक समय बिताया और दोपहर एक बजे दिल्ली के लिए रवाना हुए।