Self finance courses employees demand from CM to set up committee

सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज के कर्मचारियों ने समिति गठित करने की सीएम से की मांग

हिमाचल प्रदेश के महाविद्यालयों में पिछले लगभग 25 सालों से अपनी सेवाएं देते आ रहे सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज के कर्मचारियों ने पिछले कल तपोवन में प्रदेश मुख्यमंत्री से समिति गठित करने की मांग। विधानसभा सत्र का पहले दिन प्रदेश सरकार के लिए चुनौती भरा रहा । बताते चलें की विधानसभा के पहले दिन स्वर्ण आयोग के गठन हेतु सरकार व स्वर्ण आयोग समर्थकों के बीच खुब खींचा तानी भरा रहा। साथ में प्रदेश के करीब 39 महाविद्यालयों में सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज के कर्मचारियों ने भी मुख्यमंत्री से समिति गठन हेतु मुलाकात की।यूनियन के अध्यक्ष पंकज महाजन से मिली जानकारी के अनुसार सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज के तहत प्रदेश में 39 कॉलेज में करीब 471 शिक्षक व गैर शिक्षक अपनी सेवाएं पिछले करीब 25 सालों से देते आ रहे है। पिछले मानसून सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा पूछे गए प्रश्न संख्या 3979 के उत्तर के अनुसार इन कोर्सेज में करीब 7000 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहें है और अपना भविष्य भी इन्ही विषयों को बनाना चाहते हैं। अध्यक्ष महाजन ने कहा कि लगभग 208 करोड़ रूपये इन कोर्सेज के माध्यम से उक्त अभी कॉलेज के पास पड़ा हुआ है जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है और साथ ही कुछ कॉलेज में कर्मचारियों को मात्र 8 से 10 महीने का मानदेय दिया जा रहा है। इसी तरह से अनदेखे व सौतेले व्यवहार को दूर करने हेतु सेल्फ फाइनेंस यूनियन का गठन किया गया है और काफी उम्मीद से सरकार से गुहार लगाई है। साथ ही विधानसभा क्षेत्र हमीरपुर के विधायक नरेंद्र ठाकुर ने सहयोग करते हुए हिमाचल प्रदेश गवर्नमेंट कॉलेज सेल्फ फाइनेंस यूनियन का संपूर्ण दल मुख्यमंत्री से मिलाया और मुख्यमंत्री ने सम्पूर्ण बात को समझा और समिति गठित करने का आश्वासन दिया।