शहर की इंदिरा मार्केट की छत पर “पारम्परिक व्यंजनों व पारंपरिक हस्तशिल्प” मेले में असम की “संजना लांबा” की कैलीग्राफी (Calligraphy) पहली पसंद बन रही है। जिसकी नजर भी संजना की कैलीग्राफी पर जाती है, वो वहीं ठहर जाता है। संजना ने बताया कि बचपन से ही पेंटिंग का शौक था, लेकिन ज्यादा रूचि कैलीग्राफी में थी।
मूलतः असम (Assam) की रहने वाली संजना 4 साल से मंडी में ही रह रही है, यहीं से पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हुनर को आजमाया, मौजूदा समय में वो उस मुकाम तक पहुंच चुकी हैं कि आजीविका भी कमा सकती हैं। युवती ने कहा कि इसके साथ वॉल राइटिंग व पेंटिंग (Wall Writing) भी करती हैं। हिमाचल की संस्कृति (Culture of Himachal) को कैलीग्राफी के माध्यम से प्रकाशित करने को लेकर संजना कार्य कर रही हैं।
क्या होती है कैलीग्राफी… शब्दों को सुंदरता से लिखने की कला को कैलीग्राफी कहा जाता है। कैलीग्राफी को हिन्दी में अक्षरांकन कहते हैं। कैलीग्राफी एक विजुअल आर्ट है। कैलीग्राफी लिखने वाले कैलीग्राफी आर्टिस्ट कहते हैं। आर्टिस्ट कई तरह के फॉन्ट, स्टाइल, मॉडर्न और क्लासिक तरीकों का प्रयोग करते हुए बेहतरीन सुलेख लिखते हैं। आर्टिस्ट सुंदर अक्षरों को लिखने के लिए खास तरह के पेन, निब, पेंसिल, टूल, ब्रश आदि का इस्तेमाल करते हैं।