Indian Air Force News: भारतीय वायुसेना अगले डेढ़ साल में एडवांस्ड मिसाइलों, स्पेस बेस्ड सिस्टम, सर्विलांस और कॉम्बैट UAVs के लिए ऑफिसर्स का खास कैडर बनाने जा रही है।
नई दिल्ली: युद्ध के तरीके हर नए संघर्ष के साथ बदल रहे हैं। दुनिया के साथ भारतीय वायुसेना (IAF) ने भी बदलाव की ओर बड़ा कदम उठाया है। IAF अपने अधिकारियों का स्पेशल कैडर तैयार करेगी। ये ऑफिसर्स एडवांस्ड मिसाइलें, स्पेस आधारित सिस्टम, सर्विलांस और कॉम्बैल अनमैन्ड एरियल वीइकल्स (UAVs) हैंडल करेंगे। इस कैडर को IAF की वेपंस सिस्टम्स ब्रांच (WSB) के नाम से जाना जाएगा। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा समिति ने इसे मंजूरी दी। वायुसेना की यह नई ब्रांच 2023 के आखिर तक तैयार हो जाएगी। इसकी कमान एयर मार्शल रैंक (ले. जनरल के समतुल्य) डायरेक्टर जनरल ऑफ वेपंस सिस्टमस के हाथ में होगी। इस ब्रांच के गठन से 3400 करोड़ से ज्यादा की बचत होगी।
वायुसेना को नई ‘दिशा’ देगी वेपन सिस्टम ब्रांच
क्या है वेपन सिस्टम ब्रांच?
वायुसेना में अभी तक तीन ब्रांचों का परिचालन होता है। ये तीन ब्रांच हैं- फ्लाइंग ब्रांच, टेक्निकल ब्रांच और ग्राउंड ड्यूटीज ब्रांच। आजादी के बाद यह पहली बार है कि वायुसेना में चौथी और एक नई ऑपरेशनल ब्रांच का गठन किया जा रहा है। यह ब्रांच विमानों में हथियार प्रणाली का संचालन करेगी। इस ब्रांच की चार सब स्ट्रीम बनाई गई हैं, जो हैं- फ्लाइंग, रिमोट, इंटेलिजेंस और सरफेस।
इन सब स्ट्रीम में क्या होगा?
वेपन सिस्टम ब्रांच की फ्लाइंग स्ट्रीम ट्विन-सीट या मल्टी-क्रू एयरक्राफ्ट में सिस्टम ऑपरेटर शामिल होंगे। वहीं, रिमोट स्ट्रीम पायलट रहित विमानों और ड्रोन के लिए होगी। इंटेलिजेंस सब-स्ट्रीम में इमेज खुफिया जानकारियों का विश्लेषण, इंफॉर्मेशन वारफेयर स्पेशलिस्ट और रिमोट-पायलट एयरक्राफ्ट और स्पेस-बेस्ड सिस्टम के लिए सिग्नल इंटेलिजेंस ऑपरेटर शामिल होंगे। इसी तरह सरफेस स्ट्रीम सतह से हवा में लक्षित हथियारों और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों के लिए कमांडरों और ऑपरेटरों को नियुक्त करेंगी।
नई ब्रांच की जरूरत क्यों पड़ी?
दुनिया की सभी सेनाएं अपनी क्षमताओं में लगातार बदलाव कर रही हैं। हालिया युद्धों पर गौर करें तो बदली स्थितियों में वायुसेना की उपयोगिता बहुत अधिक बढ़ गई है। युद्ध क्षेत्र के साथ ही साथ युद्ध करने का तरीका बदल रहा है। एक्सपर्ट्स इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि आने वाले समय में हमारे सामने एक अदृश्य दुश्मन होगा। ऐसे में हमें अभी से तैयारियां शुरू करनी होंगी।
नई ब्रांच पर IAF चीफ ने क्या कहा?
शनिवार को 90वें वायुसेना दिवस के मौके पर IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा, ‘स्वतंत्रता के बाद पहली बार नई ऑपरेशन ब्रांच बनाई जा रही है। यह सरफेस-टू-सरफेस मिसाइलों, सरफेस-टू-एयर मिसाइलों, रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट और ट्विन एंड मल्टि-क्रू एयरक्राफ्ट में वेपन सिस्टम ऑपरेशंस की चार खास स्ट्रीम्स के लिए जरूरी है।’ एयरचीफ मार्शल ने कहा कि युद्ध की मौजूदा स्थितियों को देखा जाए तो वायुसेना की उपयोगिता सबसे ज्यादा होती है, ऐसे में यह नई ब्रांच थलसेना और नौसना से तालमेल के लिए अभी से तैयारियां करेगी। इस ब्रांच में नए वेपन सिस्टम ऑपरेटर्स भी शामिल होंगे जो ट्विन इंजन या एसयू-30 MKI जैसे मल्टी क्रू प्लेन में उड़ान भरेंगे।
‘ट्रेनिंग के तरीके बदले, 3000 अग्निवीर वायु होंगे भर्ती’
एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने कहा कि दिसंबर में 3000 ‘अग्निवीर वायु’ की भर्ती होगी और उनकी आरंभिक ट्रेनिंग शुरू की जाएगी। इसके बाद के वर्षों में इनकी संख्या बढ़ती जाएगी। अगले साल से हम महिला अग्निवीरों की भर्ती की भी योजना बना रहे हैं। अग्निपथ योजना के जरिए देश के युवाओं को वायुसेना में भर्ती करना हम सभी के लिए बड़ी चुनौती है। लेकिन इससे बड़ी बात यह है कि यह देश के युवाओं को देश सेवा से जोड़ने का बड़ा अवसर है। हर अग्निवीर को वायुसेना में करियर शुरू करने का अवसर देने के लिए हमने अपने प्रशिक्षण के तरीके बदल दिए हैं, ताकि हर अग्निवीर के पास वायुसेना में अपना करियर शुरू करने के लिए सही कौशल और ज्ञान हो।