आज 2 नवंबर को बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान का जन्मदिन है। बॉलीवुड के सुपरस्टार के जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि उन्हें बचपन में अपने पिता से क्या सीख मिली थी और वो आज अपने पिता को किस बात के लिए याद किया करते हैं।
शाहरुख खान, उनकी पत्नी और तीनों बच्चों के बारे में तो आप जानते ही होंगे। शाहरुख के फिल्मी करियर, अफेयर्स और फैमिली के बारे में सभी जानते हैं लेकिन बहुत कम लोगों ने उनकी मां और पिता के बारे में सुना है। आपको बता दें कि शाहरुख के पिता ताज मोहम्मद एक स्वतंत्रता सेनानी थे और इस बात का खुलासा शाहरुख ने एक इंटरव्यू में किया था। शाहरुख जब 15 साल के थे, तो उनके पिता की कैंसर से मृत्यु हो गई थी।
शाहरुख खान के पिता ताज मोहम्मद खान औपनिवेशिक भारत में एक स्वतंत्रता सेनानी थे। एक इंटरव्यू में बातचीत के दौरान, शाहरुख ने खुलासा किया था कि उनके पिता ताज 15 साल की उम्र में देश के ‘सबसे कम उम्र के स्वतंत्रता सेनानी’ थे। शाहरुख ने यह भी खुलासा किया कि उनके पिता ने उन्हें देश की आजादी के बारे में क्या सलाह दी थी।
शाहरुख के पिता स्वर्गीय ताज मोहम्मद खान पेशावर से भारत आए थे। जब अभिनेता सिर्फ 15 साल के थे, तब उनकी कैंसर से मृत्यु हो गई। शाहरुख की मां लतीफ फातिमा खान का भी 1990 में लंबी बीमारी के कारण निधन हो गया था।
फोटो साभार : TOI
बेटे को दी थी सीख
भले ही शाहरुख ने अपने पिता के साथ ज्यादा समय ना बिताया हो लेकिन उन्होंने अपने बेटे को बहुत अच्छी सीख दी थी और इस आर्टिकल में हम उसी पर चर्चा करने वाले हैं।
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शाहरुख ने किया खुलासा
एक पुराने इंटरव्यू में जब फरीदा जलाल ने शाहरुख से पूछा, ”आपके परिवार के बड़े-बुजुर्गों का इस देश की राजनीति से बेहद सम्मानजनक संबंध रहा है। तो आज के राजनीतिक हालात के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?”
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क्या था शाहरुख का जवाब
इस सवाल पर शाहरुख ने उत्तर दिया, “मेरा परिवार विशेष रूप से मेरे पिता, हम सभी उस समय (स्वतंत्रता पूर्व भारत) की देश की राजनीति से बहुत निकटता से जुड़े थे क्योंकि मेरे पिता स्वयं इस देश के सबसे कम उम्र के स्वतंत्रता सेनानी थे और जनरल शाहनवाज जैसे लोगों से संबंधित थे।”
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उनसे कैसे करते थे बात
शाहरुख ने कहा कि उनके पिता कहा करते थे, “ऐ बदमाश इधर आओ, ऐ उल्लू के पट्ठे तुम अपने आप को इतना हीरो बन के घुमते रहते हो। वो कहते थे आपको अपनी स्वतंत्रता को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। हमने आपको यह दिया है इसलिए इस स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखें। उस समय, मैं वास्तव में सोचता था कि स्वतंत्रता से उनका मतलब एक विदेशी शासन या कुछ और है, लेकिन अब मैं बड़ा होने के बाद समझ गया हूं कि वह जिस स्वतंत्रता की बात कर रहे थे, वह गरीबी के संदर्भ में थी, शायद दुख से मुक्ति पाना था। ”
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