Shani Amavasya 2023 साल की पहली अमावस्या कब है, जानें क्या है इस अमावस्या का महत्व

Mauni Amavasya 2023 नए साल की पहली अमावस्‍या इस बार शनिश्‍चरी अमावस्‍या होगी। यह माघ मास की अमावस्‍या है जिसे माघी अमावस्‍या और मौनी अमावस्‍या भी कहा जाता है। मौनी अमावस्‍या 21 जनवरी है। इस दिन स्‍नान और दान पुण्‍य के साथ ही शनि को प्रसन्‍न करने के उपाय परमफलदायी माने जा रहे हैं।

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माघ के महीने में पड़ने वाली अमावस्‍या को मौनी अमावस्‍या कहते हैं और यह नए साल की पहली अमावस्‍या है। इस बार यह अमावस्‍या 21 जनवरी शनिवार को है, इसलिए इसे शनिश्‍चरी अमावस्‍या भी कहा जा रहा है। शनिश्‍चरी अमावस्‍या से पहले शनिदेव अपनी राशि कुंभ में 30 साल बाद प्रवेश करने जा रहे हैं, इस वजह से इस साल की शनिश्‍चरी अमावस्‍या और भी महत्‍वपूर्ण मानी जा रही है। इसे माघी अमावस्‍या भी कहते हैं और इस दिन पवित्र गंगा नदी में स्‍नान करने का विशेष महत्‍व शास्‍त्रों में बताया गया है। इस दिन शनिदेव के सम्‍मुख तिल के तिल का दीपक जलाना चाहिए और साथ ही पीपल के पेड़ की भी पूजा करनी चाहिए। आइए जानते हैं मौनी अमावस्‍या का महत्‍व, शुभ मुहूर्त, पूजाविधि और खास उपाय।

मौनी अमावस्‍या शुभ मुहूर्त
इस बार मौनी अमावस्‍या 21 जनवरी को सुबह 6 बजकर 17 मिनट से आरंभ होगी और जो कि 22 जनवरी को सुबह 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि की मान्‍यता के अनुसार मौनी अमावस्‍या 21 जनवरी को मनाई जाएगी।

मौनी अमावस्‍या महत्‍व

मौनी अमावस्‍या पर गंगा, यमुनी और शिप्रा जैसी पवित्र नदियों में स्‍नान करन की मान्‍यता है। इस दिन साधू-संत और धार्मिक कार्यों में रुचि रखने वाले प्रयागराज में संगम में डुबकी लगाते हैं। इसके अलावा इस दिन साधु संत मौन व्रत भी धारण करते हैं। स्‍नान के बाद सूर्य देवता को अर्घ्‍य देकर पूजन किया जाता है। इस पूजन से पितरों की आत्‍म‍ा प्रसन्‍न होती है। इसके साथ ही इस दिन जरूरतमंदों को दान भी जरूर करना चाहिए। इस दिन गरम कपड़े, कंबल, फल और अन्‍न का दान करना भी शुभ माना जाता है। इस बार यह अमावस्या शनिवार को होने की वजह से यदि आप शनि से जुड़ी वस्‍तुओं का दान करेंगे तो यह विशेष फल प्रदान करने वाला माना जाएगा।

मौनी अमावस्‍या पूजाविधि

मौनी अमावस्‍या पर सबसे पहले जल्‍दी उठकर गंगा स्‍नान करें। यदि गंगा स्‍नान करना संभव न हो तो इस दिन घर पर ही जल में गंगाजल डालकर स्‍नान करें। स्‍नान के बाद सूर्य को तांबे के लोटे में काले तिल डालकर अघ्‍र्य दें। उसके बाद भगवान विष्‍णु की पूजा करके ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और पितरों के नाम से दान-पुण्‍य करें। कहते हैं कि मौनी अमावस्‍या पर दान करने से देवों के साथ-साथ पितर भी प्रसन्‍न होकर आशीर्वाद देते हैं।

इस बार क्‍यों है खास शनिश्‍चरी अमावस्‍या

नए साल की पहली शनिश्‍चरी अमावस्‍या 21 जनवरी है। इस बार खास संयोग यह है कि मौनी शनिश्‍चरी अमावस्‍या पर शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहेंगे। इसके साथ ही इस बार शनिश्‍चरी अमावस्‍या पर खप्‍पर योग, चतुरग्रही योग, षडाष्‍टक योग और समसप्‍तक योग रहने से यह बहुत खास मानी जा रही है। शनिदेव को प्रसन्‍न और अपनी गलतियों का प्रायश्चित करने के लिए इस बार की शनिश्‍चरी अमावस्‍या सबसे खास होगी। इस दिन शनि की प्रिय वस्‍तुओं का दान करके आप उनकी कृपा के पात्र बन सकते हैं। इस दिन काले कंबल, काले जूते, काले तिल, काली उड़द का दान करना सबसे उत्‍तम माना गया है। शास्‍त्रों में बताया गया है कि इस दिन सरसों के तेल से शनि महाराज का अभिषेक करने से शनिदेव आपकी सभी गलतियों को माफ करते हैं। इसके साथ शनि मंदिर में जाकर दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें।