हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार (Shanta Kumar) ने कहा कि जोगिन्दर नगर (JoginderNagar) का “बिजली घर” आज तक भी हिमाचल प्रदेश को न मिलना एक बड़ा अन्याय है। पूर्व सीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने इस बाबत भारत सरकार (Union Government) से बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मंडी (Mandi) रियासत से लीज का तो पंजाब सरकार (Punjab Government) बहाना बनाती रही। लीज अवधि समाप्त होने के साथ ही बहाना (Excuse) भी समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि 1966 में पंजाब पुनर्गठन कानून के बाद ही यह “बिजली घर” हिमाचल प्रदेश को मिल जाना चाहिए था। शांता कुमार ने कहा कि मैंने 1978 में इस बारे तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से यह मामला उठाया था, वे सहमत थे। परन्तु पंजाब और हरियाणा के विरोध के कारण अन्तिम निर्णय के लिए एक कमेटी बना दी गई थी।
शांता कुमार ने कहा कि 1966 के पुनर्गठन कानून (Reorganized law) के अनुसार इसके बाद बनने वाले तीनों प्रदेशों में सांझे पंजाब की संपत्ति उन्हीं को मिलने का स्पष्ट प्रावधान था। शांता कुमार ने कहा कि उस समय जोगिन्दर नगर बिजली घर सांझे पंजाब की संपत्ति थी और 1966 के बाद वह सारा क्षेत्र नए हिमाचल प्रदेश का भाग बन गया था।
उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुख्यमंत्री रहते हुए केन्द्र की कांग्रेस सरकार से मैं हिमाचल की पन बिजली परियोजनाओं (Power Projects) में रायॅल्टी का सिद्धान्त मनवा पाया। भारत के इतिहास में पहली बार इस प्रकार की रायॅल्टी मिलनी प्रारम्भ हुई। मौजूदा में करोड़ों रुपए प्रति वर्ष रायॅल्टी के रूप में “हिमाचल प्रदेश” को मिल रहे हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि उस समय तय की गई 12% रायॅल्टी मौजूदा में बढ़नी चाहिए। परियोजनाओं की देनदारी (liabilities) भी समाप्त हो गई, बिजली का भाव बढ़ गया, इसलिए बिजली पैदा करने वाले पानी के रायॅल्टी का भाव भी बढ़ना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश को भाखड़ा बांध जैसी योजनाओं पर भी हिमाचल को पूरा अधिकार नहीं मिला। शांता कुमार ने कहा इस संबंध में केवल हिमाचल सरकार ही नहीं, बल्कि समूचे राज्य को अधिकार प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना चाहिए। उन्होंने सीएम (Chief Minister) सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया कि वे हिमाचल के युवा केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) और विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर को साथ लेकर दिल्ली जाएं। प्रधानमंत्री से मिले और हिमाचल प्रदेश के अधिकारों को प्राप्त करने का प्रयत्न करें।
शांता कुमार ने अनुराग ठाकुर और जयराम ठाकुर के साथ-साथ जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda) से भी आग्रह है कि लंबे समय से हिमाचल के साथ होने वाले इस अन्याय को समाप्त करने में सभी योगदान दें।