कठिन फैसले अच्छी किस्मत के दरवाजे की चाबी होते हैं. कई बार इंसान के सामने हां और ना चुनना बहुत आसान होता है लेकिन दूर की सोच रखने वाले शख्स ऐसे आसान चुनाव में भी समय लेते हैं और अपने फैसले से सबको चौंका देते हैं. साल 2007 में भी एक लड़की ने इसी तरह से चौंकाने वाला फैसला तब लिया जब उसने 1 करोड़ के पैकेज वाली जॉब को ठुकरा कर अपना खुद का बिजनेस शुरू करने निश्चय किया.
लोगों की नजर में वो लड़की शायद तब मूर्ख रही होगी लेकिन उसे इसस बात से फरक कहां पड़ता था. उसने अपना रास्ता चुना, बिजनेस किया और आज उसका बिजनेस टर्नओवर 100 करोड़ से भी पार है. लोग आज उन्हें शुगर जैसे सफल कोसमेटिक ब्रांड की सीईओ तथा शार्क टैंक शो की जज विनीता सिंह के नाम से जानते हैं.
23 साल की उम्र में ठुकरा दी थी 1 करोड़ की जॉब
आईआईएम अहमदाबाद से पढ़ाई करने के बाद विनीता ने मोटे पैकेज वाली जॉब करने की बजाए अपना बिजनेस शुरू करने का फैसला किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद एक प्लेसमेंट के दौरान उन्हें 1 करोड़ रुपये के पैकेज के साथ जॉब ऑफर की गई थी लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. ये खबर उन दिनों इतनी चर्चा में थी कि इस पैकेज को ठुकराने के बाद उन्हें ‘द वीक’ के कवर पेज पर जगह मिली थी. कमाल की बात ये है कि उस समय विनीता की उम्र महज 23 साल थी.
जॉब ना करते हुए विनीता ने अपने दोस्त कौशिक मुखर्जी के साथ अपना खुद का बिजनेस शुरू किया. कमाल की बात ये रही कि इन दोनों का बिजनेस तो बढ़ा ही इसके साथ ही दोनों जीवनसाथी भी बन गए. विनीता सिंह और कौशिक मुखर्जी आईआईएम से ही पास आउट हैं.
आज के समय में विनीता एक दो रोल निभा रही हैं. वह अपना काम देखने के साथ साथ एक मां होने का फर्ज भी बहुत अच्छे ढंग से निभा रही हैं. विनीता जब 17 साल की थीं तब उनकी टीचर ने उनसे कहा था कि उन्हें एंटरप्रेन्योर बना चाहिए. विनीता को अपने टीचर की बात इतनी जच गई कि फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा.
सपने पूरे करने चली आई थीं मुंबई
Humans of Bombay के साथ अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए विनीता सिंह ने कहा कि 23 साल की उम्र में वह मुंबई आई थीं. उन्हें मानसून के दौरान माचिस की डिबिया जितने छोटे घर में रहना पड़ा. उनका इतनी अच्छी जॉब छोड़ने का फैसला किसी को पसंद नहीं आया था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी.
शुरू किया शुगर
बिजनेस के जुनून ने विनीता को कभी झुकने नहीं दिया. वह लगातार रिसर्च करती रहीं और इन्हीं की वजह से वह समझ पाईं कि भारत के कॉस्मेटिक क्षेत्र में क्वालिटी की बहुत जरूरत है. उनकी इसी सोच ने शुगर जैसे ब्रांड को जन्म दिया. विनीता ने इस बिजनस को शुरू करने के लिए अपने पैसे लगा और फंड भी इकट्ठे किए. लेकिन इसके बावजूद इस पितृसत्तात्मक समाज से लड़ना उनके लिए बड़ा चैलेंज रहा लेकिन उन्होंने इसका भी डट कर सामना किया. आज शुगर जैसे ब्रांड में 1500 लोगों की टीम काम करती है जिनमें 75% महिलाएं हैं.
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