राजधानी से सटे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दाड़गी में बीते काफी अरसे से शिक्षकों व गैर शिक्षकों के 12 स्वीकृत पद रिक्त पड़े हैं। जिस कारण विद्यार्थियों का पठन-पाठन कार्य प्रभावित हो रहा है। बता दें कि पांच दशक पुराने इस विद्यालय में 250 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और इनकी पढ़ाई का जिम्मा कुछ अध्यापकों के सिर पर है।
उपलब्ध शिक्षक अपने विषय के अतिरिक्त अन्य विषयों को पढ़ाने में मजबूर है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इस समय विद्यालय में प्रवक्ता अंग्रेजी, गणित, जीव विज्ञान, अर्थशास्त्र, कॉमर्स, सूचना प्रौद्योगिकी, संगीत(गायन), शारीरिक अध्यापक, लिपिक, वरिष्ठ सहायक के एक पद के साथ साथ दो सेवादारों पद रिक्त पड़े हैं। एसएमसी अध्यक्ष केवल कृष्ण का कहना है कि इस बाबत वह एसएमसी और स्थानीय चुने हुए प्रतिनिधियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ कई बार सचिवालय और शिक्षा निदेशालय के चक्कर काट चुके हैं किंतु किसी भी स्तर पर सुनवाई नहीं हो पाई।
बताया कि मार्च माह से अध्यापकों के लगातार स्थानांतरण हो रहे है, ऐसे में शिक्षकों के बिना स्कूल वीरान होने लगा है। अभिभावकों ने अब विद्यालय से पलायन करने का मन बना लिया है और विद्यार्थियों को दूसरे नजदीकी विद्यालय में दाखिले पर विचार शुरू कर दिया है। उन्होंने सरकार और शिक्षा विभाग से गुजारिश की है कि जल्द से जल्द यहां रिक्त पदों को भरा जाए ताकि विद्यार्थियों के अध्ययन में किसी प्रकार की कोई बाधा उत्पन्न न हो। इन दिनों स्कूल ग्रीष्मकालीन अवकाश के कारण बंद पड़े हैं।
अभिभावक मंजू शर्मा, बेसर दास, राकेश, धर्म प्रकाश, रीता देवी, नैना देवी, मोहनलाल, हुकम चंद, कल्पना आदि अभिभावकों का कहना है कि ग्रीष्मावकाश के उपरांत विभाग द्वारा शिक्षकों के पद नहीं भरे गए तो उन्हें अपने बच्चों को दूसरे विद्यालयों में भेजने हेतु बाध्य हो जाएंगे। उप निदेशक शिक्षा शिमला अशोक शर्मा ने बताया कि स्कूल में रिक्त पड़े पदों को भरने का मामला निदेशालय भेजा गया है।