शिमला, 31 जुलाई : जिला आयुर्वेद अधिकारी शिमला डाॅ. पवन जैरथ ने शनिवार को मशोबरा ब्लॉक के पीरन की आयुर्वेद डिस्पेंसरी दयनीय स्थिति का मौके पर जायजा लिया और भवन की खस्ता हालत देखकर हैरानी प्रकट की। उन्होंने बताया कि इस भवन की छत की मरम्मत का पौने तीन लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार करके निदेशालय भेजा गया है जिसके स्वीकृत करवाने के लिए वह अपने स्तर पर प्रयास करेंगे।
डाॅ. जैरथ ने बताया कि पीरन आयुर्वेद डिस्पेंसरी के चिकित्सक डाॅ. विवेक कंवर को सरकार द्वारा डेपुटेशन पर गलोत डिस्पेंसरी में तैनात किया गया है। चिकित्सक का डेपुटेशन रद्द करवाने के लिए स्थानीय लोगों को यह मामला सरकार के समक्ष उठाना होगा। उन्होंने बताया कि स्थाई व्यवस्था होने तक उनके द्वारा डेपुटेशन पर एक फार्मासिस्ट को पीरन भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि आयुर्वेद डिस्पेंसरी पीरन को वेलनेस सेंटर बनाया गया है जिसके तहत इस डिस्पेंसरी में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर भारत सरकार द्वारा 25 लाख की राशि व्यय की जाएगी और लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होगी। इस मौके पर पूर्व पंचायत प्रधान दयाराम वर्मा, अतर सिंह ठाकुर, कमलेश ठाकुर, उप प्रधान संदीप मेहता ने जिला आयुर्वेद अधिकारी को अवगत करवाया कि यह डिस्पेंसरी प्रदेश की सबसे पुरानी करीब 50 वर्ष पुरानी आयुर्वेद डिस्पेंसरी है। जिसमें अतीत में जहां चार कर्मचारी हुआ करते थे वहीं वर्तमान में केवल एक दैनिक भोगी कर्मचारी तैनात है।
उन्होंने खेद प्रकट करते हुए कहा कि बीते करीब पांच वर्षों से भवन की हालत बहुत खस्ता हो चुकी है। परंतु विभाग द्वारा आजतक कोई कारगर पग नहीं उठाया गया है। भवन की छत भारी बारिश से कभी भी गिर सकती है। जिला आयुर्वेद अधिकारी ने लोगों को आश्वासन दिया कि इस भवन की मरम्मत तथा स्टाफ उपलब्ध करवाने के लिए मामला निदेशालय के साथ प्रभावी ढंग से उठाया जाएगा।