केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल चंडीगढ़ बैंच ने समादेश प्रथम पुलिस वाहिनी जुन्गा के तबादला आदेश पर स्टे लगा दिया गया है।
केट सदस्य राकेश कुमार गुप्ता द्वारा 15 जुलाई 2022 को भगत सिंह ठाकुर के मामले पर आदेश पारित किए गए थे। उन्होंने प्रधान सचिव गृह विभाग हिमाचल प्रदेश सरकार को आदेश दिए गए है कि आईपीएस अधिकारी भगत सिंह ठाकुर द्वारा 7 जुलाई 2022 को गृह विभाग को दिए गए प्रतिवेदन पर गहनता से विचार कर तीन सप्ताह के भीतर निपटाया जाए। निर्णय लेने से पूर्व भगत सिंह ठाकुर को व्यक्तिगत तौर पर अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए तथा स्पीकिंग आदेश तीन सप्ताह के भीतर जारी किए जाएं।
पारित आदेश के अनुसार जब तक गृह मंत्रालय द्वारा भगत सिंह मूल आवेदन पर स्पीकिंग आदेश पारित होने तक भगत सिंह ठाकुर जुन्गा में ही तैनात रहेंगे। इस केस की पैरवी एडवोकेट असीम राज द्वारा की गई थी।
बता दें कि आईपीएस अधिकारी भगत सिंह ठाकुर ने 17 फरवरी ,2022 को बतौर समादेशक प्रथम पुलिस बटालियन जुन्गा में ज्वाइन किया था। 21 जून 2022 अर्थात चार माह चार दिन उपरांत इनका तबादला बतौर पुलिस अधीक्षक पुलिस ट्रेनिग काॅलेज डरोह कांगड़ा किया गया। इससे पहले भगत सिंह ठाकुर एसपी वेलफेयर के पद पर शिमला में तैनात थे।
गौर रहे कि भगत सिंह ठाकुर एक कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं, जिन्हें वर्ष 2021 में राष्ट्रपति अवार्ड से विभूषित किया गया है। इसके अतिरिक्त दो बार इन्हें डीजी डिस्क अवार्ड से वर्ष 2009 और 2019 में भी नवाजा जा चुका है। स्वच्छ छवि के कारण भगत सिंह ठाकुर एक स्टेशन पर दो-बार अपनी सेवाएं दे चुके हैं। जिसमें दो बार पांवटा साहिब, दो बार सोलन, दो बार राजगढ़ व दो बार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
बता दें बीते दिनों पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने जुन्गा के प्रवास के दौरान भगत सिंह ठाकुर की जमकर तारीफ की थी व उन्हें एक सक्षम एवं ईमानदार अधिकारी बताया गया था।