उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय जल आयोग (सी.डब्ल्यू.सी.) के अध्यक्ष कुशविंदर वोहरा से भेंट की। उन्होंने कुशविंदर वोहरा से राज्य की सिंचाई योजनाओं को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के नूरपुर स्थित फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना वर्ष 2011 में 204 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि से शुरू की गई थी जो कि अब बढ़कर 646 करोड़ रुपये की हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना को पूर्ण करने के लिए राज्य ने अपने संसाधनों से अब तक 283 करोड़ रुपये व्यय किए हैं। उन्होंने केंद्र से अतिरिक्त 350 करोड़ रुपये शीघ्र जारी करने का आग्रह किया ताकि परियोजना का कार्य प्राथमिक आधार पर पूर्ण हो सके। उन्होंने कहा कि यह परियोजना केंद्र सरकार की भी प्राथमिकता सूची में है।उन्होंने बताया कि शाह नहर परियोजना के तहत आने वाली 5000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध नहीं हो रहा है। उन्होंने इस भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त संसाधन प्रदान करने का आग्रह किया।
मुकेश अग्निहोत्री ने ऊना जिले के बीट क्षेत्र में 75 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली सिंचाई योजना, चरण-दो को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के चरण-एक का कार्य राज्य ने अपने संसाधनों से पूर्ण कर लिया है। उन्होंने बताया कि नादौन सिंचाई योजना का शेष कार्य भी आगामी दो-तीन माह की समयावधि पर पूर्ण कर लिया जाएगा।
उन्होंने केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष को प्रदेश में मौजूदा योजनाओं के सुदृढ़ीकरण और नई सिंचाई योजनाओं के लिए संभावनाएं तलाशने और कार्यान्वयन बारे में रोडमैप तैयार करने के लिए हिमाचल पधारने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर उन्होने सुखाहार और ज्वालाजी सिंचाई योजनाओं के बारे में भी आयोग के अध्यक्ष से विस्तृत चर्चा की। उन्होंने प्रदेश की खड्डों के तटीकरण के लिए वित्तीय प्रबंध बारे में भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि बाढ़ नियंत्रण उपायों और खड्डों के तटीकरण पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष ने प्रदेश को हरसंभव सहयोग प्रदान करने का आश्वसन दिया।