रेल मंत्रालय ने कालका-शिमला हेरिटेज रेलवे ट्रैक पर रेल मोटर कार के स्थान पर 60 सीटर ट्रेन सेट चलाने का फैसला लिया है। इनटीग्रल कोच फैक्टरी चेन्नई (आईसीएफ) में तैयार किया गया ट्रेन सेट कालका पहुंच गया है।
कालका-शिमला हेरिटेज रेलवे ट्रैक पर ट्रेन सेट (सेल्फ प्रोपेल्ट हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट) चलाने के लिए 14 फरवरी से ट्रायल शुरू होंगे। तीन कोच वाले ट्रेन सेट के ट्रायल के लिए आरडीएसओ (अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन) की टीम लखनऊ से कालका आएगी। ट्रेन सेट को ट्रॉयल के लिए कालका से शिमला तक अप और डाउन में चलाया जाएगा। देश में पहली बार नैरोगेज ट्रैक पर ट्रेन सेट चलाने की तैयारी है। रेल मंत्रालय ने कालका-शिमला हेरिटेज रेलवे ट्रैक पर रेल मोटर कार के स्थान पर 60 सीटर ट्रेन सेट चलाने का फैसला लिया है।
इनटीग्रल कोच फैक्टरी चेन्नई (आईसीएफ) में तैयार किया गया ट्रेन सेट कालका पहुंच गया है। कालका से शिमला पहुंचने में सामान्य ट्रेन पांच घंटे का समय लेती है, ट्रेन सेट यह दूरी करीब 3 घंटे में तय करेंगे। ट्रेन सेट की फाइनल रफ्तार कितनी होगी इसका फैसला आरडीएसओ की टीम करेगी। ट्रेन सेट को इंजन रहित ट्रेन भी कहते हैं, क्योंकि इसमें कोच के अंदर ही इंजन लगे होते हैं। ट्रेन सेट में सुविधाजनक सीटों के अलावा, एसी, हीटर, एलईडी और डिस्प्ले बोर्ड की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है।
आपस में जुड़े होंगे ट्रेन सेट के तीनों कोच
रेल मोटर कार के विकल्प के तौर पर चलाए जाने वाले ट्रेन सेट के तीनों कोच वेस्टिबुल (आपस में जुड़े) हैं। यात्री गाड़ी से उतरे बिना ही एक कोच से दूसरे में जा सकते हैं।