इसमें संगठन के कार्यकर्ता शहर के राजभवन से छोटा शिमला, बालूगंज से चौड़ा मैदान, टूटीकंडी, 103 सुरंग, श्रम ब्यूरो, एजी चौक, विक्ट्री टनल, पीएआरए, उच्च न्यायालय, ओक ओवर, विधानसभा, एमएलए होस्टल, ढल्ली बाजार से निगम विहार से बाया संजौली चौक तक यातायात को बाधित कर सार्वजनिक शांति को भंग कर सकते हैं। ऐसे में जिला प्रशासन ने इन सार्वजनिक क्षेत्रों के 50 मीटर दायरे तक रैलियों, जुलूस निकालने, प्रदर्शन, नारेबाजी और बैंड बजाने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए संबंधित क्षेत्रों में एक-एक उच्च अधिकारियों की तैनाती की गई है। डीसी आदित्य नेगी ने सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों की निगरानी के साथ अप्रिय घटना होने पर सूचित करने के निर्देश दिए है।
वहीं, बताया जा रहा है कि प्रदर्शन से एक दिन पहले देवभूमि क्षत्रिय संगठन के कुछ पदाधिकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है। बावजूद इसके संगठन सचिवालय से पीछे नहीं हटेगा। इसे लेकर लेकर पहले ही रणनीति तैयार कर ली गई है। देवभूमि क्षत्रिय संगठन का दावा है कि हजारों की संख्या में लोग सचिवालय का घेराव करने पहुंचेंगे।
संगठन ने सरकार को मांग पूरी करने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया था। लेकिन सरकार ने एक्ट नहीं बनाया।
देवभूमि क्षत्रीय संगठन के प्रदेश कोषाध्यक्ष हरजिंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार ने उनकी मांग पूरी नहीं की। ऐसे में अब उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा है। 16 मार्च को संगठन हजारों लोगों के साथ सचिवालय का घेराव करेंगे। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि हमारे बिलासपुर, कांगड़ा, सिरमौर समेत कई जगह के पदाधिकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है। पुलिस के फोन मुझे भी धरना ना करने को लेकर आए हैं। लेकिन धरना नहीं रुकेगा।