शिमला : अग्निशमन केंद्र का वाहन बना शोपीस… ग्रामीणों ने स्प्रे-पंप से बुझाई आग

शिमला ज़िला के नागरिक उपमंडल चौपाल की पौड़िया पंचायत के रानवी गाँव में बागवानों के सेब के बगीचे जलकर तबाह हो गए। रविवार को पेश आए आग के इस भीषण तांडव ने चौपाल के अग्निशमन केंद्र में तैनात कर्मचारियों की मुस्तेदी और विभाग के वाहनों की भी पोल खोल कर रख दी है। 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इन तस्वीरों को देखकर ये भी साफ़ समझा जा सकता है की कैसे आग बुझाने के लिए अग्निशमन केंद्र चौपाल से आया हुआ वाहन मौक़े पर शोपीस बनकर रह गया। मजबूरन ग्रामीणों को सेब के पोधों पर स्प्रे करने वाले पंप की सहायता से अपनी जान जोखिम में डालकर आग बुझानी पड़ी।

अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों की मुस्तेदी और वाहन की हालत देखकर स्वतः अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि अगर स्थानीय ग्रामीणों ने खुद हिम्मत करके मौर्चा न संभाला होता तो बगीचे की आग रिहायशी मकानों को भी जलाकर राख कर सकती थी। 

हमारे प्रतिनिधि से फ़ोन पर बात करते हुए रानवी गांव के रिंकु जोहटा, अत्तर सिंह, पवन कुमार, मोहन लाल, विनोद कुमार, रामा नंद, श्याम लाल और पदम देव आदि ग्रामीणों ने बताया कि  इस आगज़नी की घटना से उनके सेब के बगीचे पूरी तरह बर्बाद हो गए है।

उन्होंने अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों पर ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप लगाए है। ग्रामीणों के अनुसार ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब दमकल विभाग की टीम मौक़े पर पहुँचने के बाद मशीने ख़राब होने का बहाना बनाते है बल्कि इससे पहले भी अक्सर ऐसा होता आया है, जिसका जीता जागता उदाहरण चौपाल और सराहां में पेश आई आगज़नी की घटनायें है। 

उस दौरान भी दर्जनों लकड़ी के मकानों को जलने से बचाया जा सकता है। मगर दमकल विभाग की लापरवाही के चलते दर्जनों परिवारों को अपनी आँखों के सामने अपने आशियानों और जीवन भर की जमापूँजी को जलते हुए देखने के लिए मजबूर होना पड़ा था। स्थानीय लोगों ने सरकार और स्थानीय प्रशासन से माँग की है क़ि चौपाल में बने अग्निशमन केंद्र को सही ढंग से संचालित किया जाए ताकि आपातकाल में लोगों को सहायता मिल सके।